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सहायक के अलावा दूसरे पदों पर बहाल कर्मियों से भी की जा सकती है पूछताछ
नामधारी के समय बहाल हुए थे 143 अनुसेवक सहित 274 लोग आलमगीर आलम के कार्यकाल में बहाल हुए थे 324 लोग रांची : विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच कर रहा विक्रमादित्य आयोग विवादित पदों पर बहाल कर्मियों से उनका पक्ष जान रहा है़ प्रमाण पत्रों के साथ उन्हें तलब किया जा रहा है़ 18 […]
नामधारी के समय बहाल हुए थे 143 अनुसेवक सहित 274 लोग
आलमगीर आलम के कार्यकाल में बहाल हुए थे 324 लोग
रांची : विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच कर रहा विक्रमादित्य आयोग विवादित पदों पर बहाल कर्मियों से उनका पक्ष जान रहा है़ प्रमाण पत्रों के साथ उन्हें तलब किया जा रहा है़ 18 अप्रैल को आयोग ने पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम के समय बहाल हुए सहायकों को अपना पक्ष रखने के लिए बुलाया है़ उच्च न्यायालय के निर्देश पर नियुक्ति घोटाले के घेरे में विभिन्न पदों पर बहाल कर्मियों से उनका पक्ष जाना जा रहा है़
उल्लेखनीय है कि इंदर सिंह नामधारी के समय 143 अनुसेवक सहित 274 लोग विधानभा में विभिन्न पदों पर बहाल हुए थे़
सूचना के मुताबिक अनुसेवक सहित दूसरे पदों पर बहाल लोगों को भी आयोग तलब कर सकता है़ वहीं पूर्व स्पीकर आलमगीर आलम के समय सहायक सहित 324 पदों पर बहाली हुई थी़ इसमें प्रतिवेदक, वरीय प्रतिवेदक, रूटीन क्लर्क, टाइपिस्ट, उर्दू में प्रशाखा पदाधिकारी, अनुवादक, वाहन पर्यवेक्षक, दरबान, चालक, माली, उद्यान पर्यवेक्षक सहित कई पदों पर लोग बहाल किये गये़ इन पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया में भी अनियमितता बरती गयी़
जांच में चालक की बहाली भी : विधानसभा में चालक की बहाली पर भी सवाल उठा़ राज्यपाल द्वारा निर्देशित जांच के बिंदुओं पर सवाल उठाया गया है़ पूर्व विधायक अर्पणा सेन के एक संबंधी को गलत तरीके से चालक के रूप में बहाल किया गया़ चालक की अर्हता पर ही सवाल उठे़ चालक का लिए सामान्य जांच प्रक्रिया भी पूरी नहीं की गयी़
अनुसेवक : 143
प्रतिवेदक : 24
वरीय प्रतिवेदक : 05
चय्र्यालिपिक : 12
टंकक : 08
चालक : 15
वाहन पर्यवेक्षक : 03
दफ्तरी : 02
अभिलेखक वाहक : 02
ट्रेजरी सरकार : 02
गेस्टेसनर : 01
प्रूफ रीडर : 02
फैक्स ऑपरेटर : 01
फोटो स्टेट : 01
ध्वनि नियंत्रक : 01
प्रधान महिला सुरक्षा प्रहरी : 01
सुरक्षा प्रहरी (पुरुष) : 0 5
(इसके अतिरिक्त भी कई दूसरे पदों पर बहाली हुई थी)
स्पीकर आलमगीर के कार्यकाल में जो नियुक्तियां हुईं
सहायक : 150
चालक : 25
माली : 14
उप मुख्य उद्यान पर्यवेक्षक : 01
दरबान : 10
फर्राश (सफाईकर्मी) : 33
मेहतर : 30
निजी सहायक : 16
टंकक (टाइपिस्ट) : 16
सुरक्षा प्रहरी (महिला) : 10
शोध सहायक सह सूचीकार : 6
प्रशाखा पदाधिकारी (उर्दू) : 01
उर्दू सहायक : 02
उर्दू अनुवादक : 01
उर्दू टंकक : 02
प्रधान उर्दू टंकक : 01
उर्दू रूटीन क्लर्क : 01
कंप्यूटर ऑपरेटर उर्दू : 01
अनुसेवक उर्दू : 01
नियम शिथिल कर उम्र में दी गयी छूट
नियुक्ति में कुछ खास लोगों के लिए नियम भी शिथिल किये गये. सामान्य श्रेणी में भी उम्र सीमा में छूट देकर बहाल किया. 40 से 50 वर्ष की उम्र के लोगों की बहाली हुई. प्रूफ रीडर के दो पदों की बहाली के लिए नियम शिथिल किये गये. बिहार विधानसभा में जिन नियुक्तियों को सर्वोच्च न्यायालय द्वारा रद्द किया गया, उन्हें झारखंड में बहाल किया गया़ इन लोगों को गलत तरीके से प्रोन्नत भी किया गया़
अनुसेवक की नियुक्ति में खास क्षेत्र का बोलबाला
अनुसेवक की नियुक्ति में अनिमितता बरते जाने की बात सामने आयी है़ सर्वाधिक अनुसेवक पलामू से बहाल किये गये़ स्पीकर इंदर सिंह नामधारी के कार्यकाल में हुई नियुक्तियों में 70 प्रतिशत से ज्यादा लोग पलामू से थे, जिन्हें अलग-अलग पदों पर बहाल किया गया. इन नियुक्ति में प्रक्रिया का उल्लंघन किया गया. नेताओं के परिचित लोगों की बहाली की गयी.
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