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हुक्का गुड़गुड़ाने से हो सकता है कैंसर
रांची : राजधानी में युवाओं के बीच हुक्का तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. शहर के कई इलाकों में लगातार खुलते हुक्का बार इसके सबूत हैं. खास बात यह है कि हुक्का बार का संचालन करने के लिए झारखंड सरकार की ओर से किसी तरह के लाइसेंस की व्यवस्था नहीं है. यानी सभी हुक्का बार […]
रांची : राजधानी में युवाओं के बीच हुक्का तेजी से लोकप्रिय हो रहा है. शहर के कई इलाकों में लगातार खुलते हुक्का बार इसके सबूत हैं. खास बात यह है कि हुक्का बार का संचालन करने के लिए झारखंड सरकार की ओर से किसी तरह के लाइसेंस की व्यवस्था नहीं है. यानी सभी हुक्का बार बिना किसी लाइसेंस के सार्वजनिक रूप से धूम्रपान करा रह हैं.
इधर, फैशन और मस्ती के लिए हुक्का गुड़गुड़ाने वाले युवा इसके दुष्परिणाम के बारे में नहीं जानते.हुक्का पीना स्वास्थ्य के लिए खतरनाक है. यह जानलेवा भी हो सकता है. हुक्का एक घंटे में औसतन 20 से 200 बार तक गुड़गुड़ाया जाता है. एक घंटा में हुक्का खतरनाक रसायनों से युक्त लगभग 13 गैलन (करीब 50 लीटर) धुंआ छोड़ता है. हुक्के में इस्तेमाल किया जाना वाला तंबाकू कैंसर का बड़ा कारण है. हुक्के में धुंआ सही तरीके से फिल्टर नहीं होता है. साथ ही एक हुक्का को कई लोग मिल कर गुड़गुड़ाते हैं. इस कारण महानगरों में हुक्का टीबी का बड़ा कारण बन रहा है. हुक्का चारकोल का इस्तेमाल कर जलाया जाता है. इसके जलने से कार्बन से भरपूर खतरनाक रसायनयुक्त धुंआ निकलता है. पीसीडी-2012 की रिपोर्ट में हुक्का के धुएं को कैंसर का बड़ा कारण बताया गया है.
इन नियमों से बंधे होते हैं हुक्का बार : हुक्का बार का संचालन प्वॉयजन एक्ट-1919 और प्वॉयजन पोजिशन एंड सेल्स रूल्स-2014 के अंदर आता है. हुक्का बारों पर फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट-2006, ड्रग्स एंड कॉस्मेटिक एक्ट-1940 व सीओटीपीए-2003 भी लागू होता है. फूड सेफ्टी एंड स्टैंडर्ड एक्ट के तहत एफएसएसए रेस्तरां में हुक्का पीने की इजाजत देने पर लाइसेंस कैंसल कर देता है. इन सबके अलावा जुवेनाइल जस्टिस एक्ट, 2015 की धारा 77 में अव्यस्कों को हुक्का या शराब परोसने पर एक लाख रुपये के जुरमाने के साथ सात सालों की कैद भी हो सकती है.
हुक्का पीने से कैंसर व हार्ट जैसी गंभीर बीमारी
रिम्स के फिजिसियन डॉ डीके झा ने बताया कि हुक्के में शुद्ध तंबाकू का प्रयोग किया जाता है. तंबाकू से 25 प्रकार की बीमारी होती है. इससे फेफड़ा कैसर, टीबी, हार्ट, मोतियाबिंद, पेशाब की नली का कैंसर, खाने की नली का कैंसर आदि हो सकता है. हुक्का बार में अधिकतर 18 साल के नीचे के युवा होतेे है. समाज की जिम्मेदारी है कि उन्हें दुष्प्रभावों की जानकारी दी जाये.
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