राज्य के सभी अस्पतालों को नये कानून के तहत फिर से आवेदन करना है. इसमें अस्पतालों को अपने यहां जमा हो रहे कचरे के निष्पादन के बारे में भी बताना होगा. केंद्र सरकार ने 2016 में नया बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल लाया है. इसके तहत सभी अस्पतालों को कंसेंट टू ऑपरेट और संचालन के लिए आर्थोराइजेशन (अनुमति) लेना है. अब तक करीब 125 अस्पतालों को आर्थराइजेशन और 54 को सीटीओ प्रदान की गयी है.
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संचालन अनुमति लेने में अस्पतालों की रुचि नहीं
रांची: राज्य के अस्पतालों की रुचि राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से संचालन अनुमति (सीटीओ) में नहीं है. पर्षद से कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद भी 200 से अधिक अस्पतालों ने अब तक आवेदन नहीं किया है. अब पर्षद ने ऐसे अस्पतालों को दोबारा नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. राज्य […]
रांची: राज्य के अस्पतालों की रुचि राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद से संचालन अनुमति (सीटीओ) में नहीं है. पर्षद से कारण बताओ नोटिस जारी होने के बाद भी 200 से अधिक अस्पतालों ने अब तक आवेदन नहीं किया है. अब पर्षद ने ऐसे अस्पतालों को दोबारा नोटिस जारी करने की प्रक्रिया शुरू कर दी है.
राज्य के सभी अस्पतालों को नये कानून के तहत फिर से आवेदन करना है. इसमें अस्पतालों को अपने यहां जमा हो रहे कचरे के निष्पादन के बारे में भी बताना होगा. केंद्र सरकार ने 2016 में नया बायोमेडिकल वेस्ट मैनेजमेंट रूल लाया है. इसके तहत सभी अस्पतालों को कंसेंट टू ऑपरेट और संचालन के लिए आर्थोराइजेशन (अनुमति) लेना है. अब तक करीब 125 अस्पतालों को आर्थराइजेशन और 54 को सीटीओ प्रदान की गयी है.
हर दिन निकलता है करीब नौ हजार किलो कचरा
राज्य प्रदूषण नियंत्रण पर्षद ने केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड को रिपोर्ट भेजी है, उसके अनुसार करीब 9,222 किलो कचरा अस्पतालों से निकलता है. राज्य बोर्ड ने इसके लिए राज्य के करीब 1045 अस्पतालों का सर्वेक्षण कराया था. अस्पतालों को कचरा निष्पादन के तरीकों की जानकारी भी बोर्ड को देनी है. छोटे-छोटे अस्पताल सार्वजनिक इंसीनेटर में अस्पतालों के कचरे का निष्पादन करा सकते हैं. रामगढ़ में एक बायोमेडिकल डिस्पोजल प्लांट (इंसीनेटर) लगा हुआ है. इसकी क्षमता करीब 100 किलो प्रति घंटा निष्पादन की है. राज्य में रिम्स और टाटा अस्पताल का अपना इंसीनेटर है.
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पहले कारण बताओ नोटिस के बाद कई अस्पतालों ने सीटीओ के लिए आवेदन दिया है. इसमें कई अस्पतालों को सीटीओ स्वीकृत हो गया है. जिन अस्पतालों ने आवेदन नहीं दिया है, वैसे अस्पतालों को चिह्नित कर नोटिस दिया जा रहा है. कार्रवाई भी होगी.
संजय कुमार सुमन, सदस्य सचिव, राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड
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