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10 साल से प्रयासरत थे चंद्रवंशी, मिले दो करोड़

रांची: तकनीकी शिक्षण संस्थानों को मिलनेवाला अनुदान सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के विश्रामपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला है. इस मद में किस्तों में अधिकतम छह करोड़ तक देने का प्रावधान है. इधर, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने 31 मार्च को उनके संस्थान को दो करोड़ जारी कर दिया है. शेष रकम उपयोगिता […]

रांची: तकनीकी शिक्षण संस्थानों को मिलनेवाला अनुदान सबसे पहले स्वास्थ्य मंत्री रामचंद्र चंद्रवंशी के विश्रामपुर इंजीनियरिंग कॉलेज को मिला है. इस मद में किस्तों में अधिकतम छह करोड़ तक देने का प्रावधान है. इधर, उच्च व तकनीकी शिक्षा विभाग ने 31 मार्च को उनके संस्थान को दो करोड़ जारी कर दिया है. शेष रकम उपयोगिता प्रमाण पत्र देने के बाद जारी होगी. अनुदान राज्य के उच्च व तकनीकी शिक्षण संस्थानों को बढ़ावा देने के लिए मिलता है. पर अाज तक किसी निजी तकनीकी शिक्षण संस्थान को यह अनुदान नहीं मिला है.
जब कॉलेज बनना भी शुरू नहीं हुआ था, तब से ही अनुदान मांग रहे थे
तथ्य बताते हैं कि चंद्रवंशी के संस्थान को यह अनुदान प्रक्रिया पूरी करके ही दिया गया है. दरअसल चंद्रवंशी 2007 से ही इसके लिए प्रयासरत थे. तब उनका इंजीनियिरंग कॉलेज बनना शुरू भी नहीं हुआ था. तब वह विधायक थे तथा उन्होंने विज्ञान व प्रावैधिकी (अब उच्च व तकीनीकी शिक्षा) विभाग से 15 करोड़ रुपये देने को कहा था. तत्कालीन विभागीय अधिकारियों ने तब कहा था कि यह अनुदान संस्थान खोलने के बाद ही मिलता है. तब से अब तक विधानसभा में भी सवाल उठते रहे. चंद्रवंशी को विधानसभा में अनुदान मिलने का आश्वासन भी मिल गया.
नीति बनी और अनुदान देने पर बनी सहमति, फिर हुआ दौरा
अंतत: मुख्यमंत्री ने अनुदान के लिए एक नीति बनाने को कहा. इसमें कॉलेज में छात्र व फैकल्टी की स्थिति तथा मौजूदा आधारभूत संरचना सहित कई शर्तें शामिल की गयी है. इसके बाद तत्कालीन विशेष सचिव ब्रजमोहन कुमार की अध्यक्षता में एक कमेटी गठित कर संस्थान भ्रमण किया गया. इसके बाद श्री चंद्रवंशी के कॉलेज को यह अनुदान देने पर सहमति बन गयी.

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