जैक द्वारा निर्धारित तिथि के अंदर विद्यार्थी जिस विषय की कॉपी देखनी है, उससे संबंधित आवेदन जमा करना होगा. इसके लिए प्रति विषय शुल्क निर्धारण किया जायेगा. ऑनलाइन आवेदन करने के बाद वेबसाइट कंफर्मेशन पेज जनरेट कर देगा. आवेदन जमा करने के 45 से 60 दिन के बीच विद्यार्थी को कॉपी देखने का मौका मिलेगा. इसके लिए कॉपियों को स्कैन किया जायेगा. अगर विद्यार्थी कॉपी में अंकों के योग में या किसी प्रश्न का मूल्यांकन नहीं हुआ पाते हैं, तो वे जैक में इसके लिए आवेदन दे सकते हैं. जैक द्वारा इसमें तत्काल सुधार किया जायेगा.
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खुशखबरी: इस वर्ष से मैट्रिक-इंटर के परीक्षार्थियाें को मिलेगी सुविधा जैक दिखायेगा जांची हुई कॉपी
रांची: मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थी अगर अपने प्राप्तांक से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे अपनी कॉपी देख सकते हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल वर्ष 2017 की मैट्रिक व इंटर की कॉपी विद्यार्थियों को ऑनलाइन देखने की सुविधा देगा. इसके लिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन देना होगा. जांची हुई कॉपी को देखने के लिए विद्यार्थी को […]
रांची: मैट्रिक व इंटर के परीक्षार्थी अगर अपने प्राप्तांक से संतुष्ट नहीं हैं, तो वे अपनी कॉपी देख सकते हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल वर्ष 2017 की मैट्रिक व इंटर की कॉपी विद्यार्थियों को ऑनलाइन देखने की सुविधा देगा. इसके लिए विद्यार्थियों को ऑनलाइन आवेदन देना होगा. जांची हुई कॉपी को देखने के लिए विद्यार्थी को प्रति विषय जैक द्वारा निर्धारित शुल्क देना होगा. इसके लिए रिजल्ट प्रकाशन के बाद झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा तिथि घोषित की जायेगी.
क्या होगा फायदा
वर्तमान में मैट्रिक व इंटर का रिजल्ट जारी होने के बाद अब विद्यार्थी अपने प्राप्तांक से संतुष्ट नहीं है, तो वे स्क्रूटनी के लिए आवेदन देते हैं. इसमें काफी समय लगता है. विद्यार्थी को इसके लिए जैक चक्कर लगाना पड़ता है. इसमें विद्यार्थी को कॉपी देखने के अनुमति नहीं होती है. स्क्रूटनी में जैक द्वारा नियुक्त विषय विशेषज्ञ शिक्षक उत्तरपुस्तिका के अंकों का रिटोटलिंग करते हैं. अब विद्यार्थी खुद से कॉपी देख सकते हैं. इसमें किसी प्रकार की गड़बड़ी होने पर वे इसमें सुधार का दावा भी कर सकेंगे.
सीबीएसइ में है प्रावधान
सीबीएसइ बोर्ड परीक्षार्थियों को उत्तरपुस्तिका ऑनलाइन देखने व उसकी छाया प्रति उपलब्ध कराता है. सीबीएसइ में भी रिजल्ट बाद परीक्षार्थी को ऑनलाइन आवेदन देना होता है.
वर्ष 2017 में परीक्षार्थी
मैट्रिक 4,66,746
इंटर 3,26,109
क्यों लिया गया निर्णय
जैक द्वारा जारी मैट्रिक व इंटर के रिजल्ट में प्रति वर्ष मूल्यांकन में परीक्षाकों द्वारा गड़बड़ी करने का मामला सामने आते रहा है. कॉपी जांच में परीक्षकों द्वारा ऐसी लापरवाही बरती जाती है कि स्क्रूटनी में कई बार तो टॉपर तक बदल जाते हैं. मूल्यांकन के दौरान परीक्षकों की लापरवाही का खामियाजा विद्यार्थियों को उठना पड़ रहा है. आलम यह है कि कुछ परीक्षक जहां विषय के कुल अंक से अधिक प्राप्तांक दे देते हैं. वहीं कुछ परीक्षार्थी प्राप्त कुल अंक से 50 अंक कम दे देते हैं. वर्ष 2016 की मैट्रिक परीक्षा के टॉपर विकास कुमार को पहले जारी रिजल्ट में राज्य में नौंवा स्थान मिला था. बाद में जब कॉपी की स्क्रूटनी हुई, तो हिंदी में उसके 13 अंक बढ़ गये. परीक्षक ने हिंदी में 13 अंक जोड़ा ही नहीं था. अंक जुड़ने के बाद विकास मैट्रिक का स्टेट टॉपर बन गया. मूल्यांकन में गड़बड़ी के लिए सौ से अधिक परीक्षकों को ब्लैक लिस्टेड किया गया है. इसके बाद भी मूल्यांकन में गड़बड़ी नहीं रूक रही है.
विद्यार्थियों को परीक्षा के बाद जांची गयी उत्तरपुस्तिका ऑनलाइन दिखाने की तैयारी है. इसके लिए प्रक्रिया निर्धारण का काम पूरा कर लिया गया है. विद्यार्थी चाहें तो आवेदन जमा कर अपनी कॉपी देख सकते हैं. इससे रिजल्ट में पारदर्शिता आयेगी व परीक्षकों पर भी मूल्यांकन में सावधानी बरतने का दबाव रहेगा.
डॉ अरविंद प्रसाद सिंह, जैक अध्यक्ष
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