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90 बच्चों को संगठन में शामिल कर सुर्खियों में आया था नकुल

रांची: भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी सदस्य नकुल यादव की तलाश लंबे समय से पुलिस को थी. वह 12-13 साल के 90 से अधिक बच्चों को संगठन में शामिल कराने के लिए ले जाने का आरोपी है. 15 लाख का इनामी नक्सली नकुल यादव चतरा जिला के कुंदा थाना क्षेत्र का रहनेवाला है. गुमला, लातेहार […]

रांची: भाकपा माओवादी के रिजनल कमेटी सदस्य नकुल यादव की तलाश लंबे समय से पुलिस को थी. वह 12-13 साल के 90 से अधिक बच्चों को संगठन में शामिल कराने के लिए ले जाने का आरोपी है. 15 लाख का इनामी नक्सली नकुल यादव चतरा जिला के कुंदा थाना क्षेत्र का रहनेवाला है. गुमला, लातेहार और लोहरदगा जिले में उस पर कुल 41 मामले दर्ज हैं. इन मामलों में 20 से अधिक पुलिसकर्मियों की हत्या से लेकर ग्रामीणों की हत्या करने, जन अदालत लगाने और बच्चों को अगवा करने का मामला शामिल है.

जानकारी के मुताबिक वर्ष 2013, 2014 और 2015 में 90 से अधिक बच्चों को संगठन में शामिल करने के लिए वह ले गया था. इनमें से कई बच्चों को पुलिस ने भी मुक्त कराया था. वर्ष 2013 में नकुल यादव के दस्ते ने गुमला के बिशुनपुर व लोहरदगा के किस्को व सेन्हा इलाके से 38 बच्चों को संगठन में शामिल कराने के लिए ले गया था. इसकी सूचना मिलने पर पुलिस ने अभियान चलाया था. जिसके बाद कुछ बच्चे वापस लौट आये थे. वर्ष 2014 में भी नकुल और मदन के दस्ते ने संगठन में शामिल करने के लिए बच्चों को जबरन उनके अभिभावकों से लिया था. 16 जुलाई 2014 को मीडिया में 24 बच्चों को ले जाने की खबर आयी थी. जिसके बाद 19 जुलाई को तत्कालीन मुख्य सचिव सजल चक्रवर्ती और तत्कालीन डीजीपी राजीव कुमार ने बच्चों को मुक्त कराने के लिए गुमला व लोहरदगा में अभियान शुरू किया था. अभियान के दौरान पुलिस ने ग्रामीणों की सूचना पर एक सूची तैयार की थी. तत्कालीन रांची डीआइजी ने तब कहा था कि नक्सलियों द्वारा 40 बच्चों को ले जाया गया है, जिन्हें मुक्त करने के लिए अभियान चलाया जा रहा है. यह भी पता चला है कि बच्चा नहीं देने पर नकुल के दस्ते ने तीन ग्रामीणों की पीट-पीट कर हत्या कर दी थी. वर्ष 2015 में भी नकुल ने गुमला के बिशुनपुर इलाके से बच्चों को जबरन संगठन के लिए लिया था. इस मामले में पुलिस ने प्राथमिकी दर्ज की थी. जिसमें 13 बच्चों को ले जाने की बात कही गयी थी. 29 मई 2015 को तत्कालीन डीआइजी अरुण कुमार सिंह ने बच्चों को ले जाने की खबर की पुष्टि की थी और बताया था कि पुलिस ने पांच बच्चों को मुक्त कराया था. हालांकि उन्होंने यह भी कहा था कि जितने बच्चों को ले जाने की बात कही जा रही है, उतने नहीं ले जाये गये हैं.

पुलिस ने जमटी गांव के 200 बच्चों को बचाया था : वर्ष 2015 में नकुल के दस्ता के द्वारा बच्चों को ले जाने की खबर प्रभात खबर में आने के बाद हाइकोर्ट ने मामले में स्वत: संज्ञान लिया था. इसके बाद पुलिस ने नकुल यादव के दस्ते के खिलाफ बड़ा अभियान शुरू किया था. इसी दौरान पुलिस को पता चला था कि बिशुनपुर के जमटी गांव के 200 बच्चों पर नकुल यादव व मदन यादव की नजर है. इसके बाद तत्कालीन एसपी भीमसेन टूटी ने एक अभियान के तहत सभी बच्चों को गांव से निकाला था और उन बच्चों को शहर में रख कर उनके पढ़ने की व्यवस्था करायी थी.

कौन है नकुल यादव

पिता का नाम : जगेश्वर यादव

निवासी : चतरा का कुंदा थाना क्षेत्र

पद : रिजनल कमेटी सदस्य

आरोप : गुमला, लातेहार व लोहरदगा में 41 मामले दर्ज. करीब दो दर्जन पुलिसकर्मियों समेत कई ग्रामीणों की हत्या.

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