अधिवक्ता बोले : स्पीकर संवैधानिक पद, कैसे बुलाया गया
आयोग ने कहा : उच्च न्यायालय के निर्देश पर हो रही है जांच
रांची: विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति घोटाले की जांच कर रहे विक्रमादित्य आयोग के सामने बुधवार को विधानसभा के वर्तमान प्रभारी सचिव विनय कुमार सिंह और पूर्व सचिव सीता राम साहनी व राजेेंद्र प्रसाद सिंह हाजिर हुए़ आयोग ने इस मामले में हाइकोर्ट में मामला दायर करने वाले ईश्वरचंद जायसवाल को भी बुलाया था़ वादी द्वारा नियुक्ति-प्रोन्नति मामले में उठाये गये बिंदुओं पर वर्तमान और पूर्व सचिवों की जानकारी हासिल कर रहे थे़.
घोटाले के संदर्भ में आयोग सत्यता की पड़ताल कर रहा है़ स्पीकर दिनेश उरांव की ओर से अधिवक्ता विनोद साहू पक्ष रखने पहुंचे थे़ अधिवक्ता श्री साहू ने जांच आयोग के समक्ष मामला रखा कि स्पीकर संवैधानिक पद है़ जांच आयोग ने इसमें स्पीकर को कैसे बुलाया है़ यह मामला भी वर्तमान स्पीकर के समय का नहीं है़ आयोग का कहना था कि उच्च न्यायालय के निर्देश पर जांच हो रही है़ स्पीकर के पद को प्रतिवादी बनाया गया है़ हम तथ्यों की जांच कर रहे है़ं.
उल्लेखनीय है कि इस मामले में 10 लोगों को प्रतिवादी बनाया गया है़ इधर, वादी ईश्वरचंद जायसवाल ने यह कहते हुए सुनवाई प्रक्रिया में हिस्सा नहीं लिया कि उनके घर में हादसा हो गया है़ उनकी मानसिक स्थिति ठीक नहीं है़ वह कुछ पूछने की स्थिति में नहीं है़ं इसके बाद आयोग ने 17 अप्रैल की अगली तिथि सुनवाई के लिए तय की़.
जांच के हैं ये बिंदु, आयोग कर रहा पड़ताल
विधानसभा में नियुक्ति नियमावली संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप बनी या नहीं
प्रोन्नति नियमावली संवैधानिक प्रावधानों के अनुरूप बनी या नहीं
विधानसभा कर्मचारियों की वेतन भत्ता नियमावली संवैधानिक प्रावधानों के तहत बनी या नहीं
नियुक्ति लिए पदों के सृजन की संवैधानिक प्रक्रिया का पालन हुआ या नहीं
नियुक्ति के पूर्व विधानसभा की आवश्यकताओं का आकलन किया गया या नहीं
विभिन्न पदों पर नियुक्ति के लिए निकाले गये विज्ञापनों में पदों का उल्लेख किया गया या नहीं
नियुक्ति के लिए आयोजित परीक्षा और परीक्षाफल प्रकाशन में किस किस तरह की गड़बड़ी हुई
छह से एक साल के अंदर दो-दो बार प्रोन्नति देने के लिए कौन-कौन जिम्मेवार हैं
विशिष्ट कार्यों के लिए एक-एक माह के वेतन का मानदेय देने का नियम कैसे बना
किन कर्मचारियों ने किस विशिष्ट काम के लिए मानदेय लिया
कर्मचारियों को एसीपी का लाभ किस नियम के तहत दिया गया
कर्मचारियों व अधिकारियों के यात्रा भत्ता का नियम संवैधानिक प्रावधानों के तहत बना या नहीं
किन-किन कर्मचारियों व अधिकारियों ने गलत तरीके से यात्रा भत्ता लिया
राज्य सरकार के कर्मचारियों व विधानसभा के कर्मचारियों के वेतन भत्ता, प्रोन्नति सहित अन्य नियम समान हैं या नहीं