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सुबह तक खुद ही जान जाओगे मैं कौन हूं
भारतीय रेल में ‘ले-देकर’ काम चलानेवाली व्यवस्था से सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं. मगर सुरेश प्रभु का रेल मंत्रालय इस भ्रष्टाचार व तमाम दुर्व्यव्यवस्था को दूर करने के लिए कितना सजग है, इसकी बानगी तब देखने को मिली जब प्रभात खबर के पत्रकार विवेकानंद सिंह ने एक टीटीइ की अवैध वसूली की जानकारी रेल मंत्री […]
भारतीय रेल में ‘ले-देकर’ काम चलानेवाली व्यवस्था से सभी अच्छी तरह वाकिफ हैं. मगर सुरेश प्रभु का रेल मंत्रालय इस भ्रष्टाचार व तमाम दुर्व्यव्यवस्था को दूर करने के लिए कितना सजग है, इसकी बानगी तब देखने को मिली जब प्रभात खबर के पत्रकार विवेकानंद सिंह ने एक टीटीइ की अवैध वसूली की जानकारी रेल मंत्री सुरेश प्रभु के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट की. वह सात अप्रैल की रात राजेंद्र नगर- हटिया एक्सप्रेस से (एस-4, बर्थ-30) सफर कर रहे थे. इस दौरान उन्होंने टीटीइ को अनधिकृत रूप से सफर कर रहे लोगों से रुपये वसूलते देखा. वीडियो के रूप में यह जानकारी रेल मंत्री सुरेश प्रभु के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट करते ही रेल मंत्रालय के अधिकारी तुरंत हरकत में आ गये व रात से लेकर सुबह तक कार्यवाही होती दिखी.
धनबाद: विवेकानंद सिंह के अनुसार : रात के करीब 12 बजे जब ट्रेन पुनपुन से गुजर रही थी तभी ऊपर के बर्थ से मेरी नजर नीचे पड़ी, जहां टीटीइ गया जा रहे दो लोगों से जुर्माना वसूल रहे थे. जब दोनों ने बतौर जुर्माना 150 रुपये लेकर जाने देने की गुजारिश की, तो टीटीइ रेल पुलिस को बुलाने का भय दिखा कर अधिक रुपये की मांग करने लगे. उनलोगों के बहुत गुहार लगाने पर 150 रुपये लेने पर राजी हो गये और उन्हें वहीं बैठने दिया. तब तक इस पूरे माजरे का वीडियो मैं बना चुका था. इसी क्रम में मालूम हुआ कि पास के 29 नंबर बर्थ पर सोये व्यक्ति से टीटीइ महोदय ने बिना टिकट बर्थ देने के लिए 400 रुपये वसूले थे. जब मैंने टीटीइ से कहा कि बिना रशीद दिये आप किस तरह जुर्माना वसूल रहे हैं, तो उन्होंने मुझे अपनी सीट पर चुपचाप सोने की नसीहत दी.
चूंकि उनके बैच पर उनका नाम नदारद था, तो मैंने उनसे नाम जानना चाहा. इस पर उन्होंने बेरुखी से दो टूक जवाब दिया- सुबह तक खुद जान जाओगे मैं कौन हूं. इसके तुरंत बाद मैंने यह वीडियो रेल मंत्री सुरेश प्रभु व प्रभात खबर के ट्विटर हैंडल पर पोस्ट किया और मामले की जानकारी दी. आश्चर्य हुआ कि कुछ ही मिनट बाद मंत्रालय से मुझे अपना टिकट नंबर व अपना कोच पोजिशन कंसर्न ऑफिशयल डीआरएम दानापुर को शेयर करने को कहा गया. इसके तुरंत बाद डीआरएम दानापुर ने डीआरएम धनबाद को मामले को देखने का निर्देश दिया. एक घंटा बाद दो लोग उसी टीटीइ को लेकर मेरे पास आये और मुझसे पूछा कि क्या आपने ही इनका वीडियो बनाया है, जो इंटरनेट पर चल रहा है? आगे वे नम्रतापूर्वक कहने लगे- ‘’वीडियो पोस्ट करने से पहले बात करनी चाहिए थी. अच्छा ठीक है.’’ इसके बाद वे सभी चले गये. फिर मैंने ट्विट किया – ‘’इस टीटीइ जैसे लोग 200 रुपये लेकर लोगों को सीट देते हैं और हम जैसों को तत्काल में टिकट लेना पड़ता है’’. सुबह 6:48 बजे डीआरएम धनबाद की ओर से मेरे ट्विट का रिप्लाइ आया- एक्शन इज बीइंग टेकेन.
टीटीइ को हटाया गया
धनबाद रेल मंडल के सीनियर डीसीएम आशीष कुमार ने बताया कि बीके पांडेय नामक वह टीटीइ गोमो का है. ट्विटर पर वसूली की शिकायत आते ही उन्हें ट्रेन से उतार दिया गया. डीसीएम को मामले की जांच का आदेश दिया गया है. जांच रिपोर्ट के अनुसार आगे की कार्रवाई होगी. फिलहाल टीटीइ को स्लीपर लिंक से हटा कर स्टेशन पर तैनात किया गया है.
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