रांची: मैट्रिक व इंटर की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन 11 अप्रैल से शुरू होगी. मूल्यांकन को लेकर सभी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गयी है. मूल्यांकन की तैयारी की समीक्षा को लेकर शनिवार को जैक में संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी व केंद्र निदेशक की बैठक हुई. बैठक में मूल्यांकन से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किया […]
रांची: मैट्रिक व इंटर की उत्तरपुस्तिका का मूल्यांकन 11 अप्रैल से शुरू होगी. मूल्यांकन को लेकर सभी आवश्यक तैयारी पूरी कर ली गयी है. मूल्यांकन की तैयारी की समीक्षा को लेकर शनिवार को जैक में संबंधित जिलों के जिला शिक्षा पदाधिकारी व केंद्र निदेशक की बैठक हुई. बैठक में मूल्यांकन से संबंधित दिशा-निर्देश जारी किया गया है.मूल्यांकन को लेकर राज्य भर में 58 केंद्र बनाये गये हैं.
कॉपियों की जांच सीसीटीवी की निगरानी में होगी. इसके लिए सभी मूल्यांकन केंद्र पर सीसीटीवी कैमरा लगाने को कहा गया है. परीक्षकों के लिए बायोमेट्रिक्स से उपस्थिति बनाना अनिवार्य होगा. जिन केंद्रों पर बायोमेट्रिक्स नहीं है, वहां इसकी व्यवस्था करने को कहा गया है.
इंटर की कॉपी का मूल्यांकन 16 जिलों में होगा. कला संकाय के लिए 16, विज्ञान के लिए आठ व वाणिज्य संकाय की उत्तरपुस्तिकाओं की जांच के लिए छह केंद्र बनाये गये हैं. परीक्षक एक दिन में अधिकतम 30 कॉपी का ही मूल्यांकन कर सकते हैं. प्रत्येक हेड इग्जामिनर के अंदर चार सहायक परीक्षक होंगे. ऐसे में एक हेड इग्जामिनर की देखरेख में प्रतिदिन 120 कॉपी का मूल्यांकन होगा. सभी जिला शिक्षा पदाधिकारी व केंद्र निदेशक को निर्देश दिया गया कि हर हाल में इसका पालन सुनिश्चित कराये. बैठक की अध्यक्षता झारखंड एकेडमिक काउंसिल के अध्यक्ष डॉ अरविंद प्रसाद सिंह ने की. इस अवसर पर उपाध्यक्ष फूल सिंह, सचिव रजनीकांत वर्मा, परीक्षा नियंत्रक सत्यजीत कुमार समेत अन्य पदाधिकारी उपस्थित थे.
काॅपी का बंडल सील कर रखने का निर्देश
केंद्र निदेशक को प्रतिदिन मूल्यांकन के लिए कॉपी निकाले जाने के बाद उत्तरपुस्तिका के बंडल को सील करने का निर्देश दिया गया. केंद्र निदेशक से कहा गया कि वे इस बात को सुनिश्चित करे कि किसी भी हाल में बंडल खुला न रहे. मूल्यांकन के लिए कॉपी निकाले जाने के बाद अगर बंडल सील नहीं किया गया, तो दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई की जायेगी. मूल्यांकन के दौरान उत्तरपुस्तिका के प्रत्येक बंडल के हेड इग्जामिनर को प्रतिदिन बदलने को कहा गया. एक हेड इग्जामिनर की देखरेख में जिस बंडल की कॉपी की जांच एक दिन होगी, दूसरे दिन उनकी देखरेख में उस बंडल की कॉपी नहीं जांची जायेगी. इसके अलावा प्रतिदिन मूल्यांकित सभी कॉपियों के अंक की रीटोटलिंग करने को कहा गया.