घेराव का नेतृत्व अखिल भारतीय आदिवासी विकास परिषद के रांची महानगर महिला अध्यक्ष निरंजना हेरेंज टोप्पो, उपाध्यक्ष गीता लकड़ा, महासचिव कुरंदरेशी मुंडा, अर्पणा बाड़ा, केंद्रीय सरना समिति के अजय तिर्की, पवन तिर्की, सरना समिति कांके के रंजीत टोप्पो, सोनू मुंडा और विनोद सांगा कर रहे थे. उन्होंने कहा कि आदिवासी मां-बहनों पर अत्याचार बरदाश्त नहीं किया जायेगा, बल्कि सीधे कार्रवाई होगी. आक्रोशित ग्रामीण हाथों में सरना झंडा व लाठी लिये हुए थे व पुलिस विरोधी नारे लगा रहे थे.
ग्रामीणों का कहना था कि आरोपी रकीब अंसारी (पिता वली मोहम्मद) को 48 घंटे के अंदर गिरफ्तार किया जाये, अन्यथा उग्र आंदोलन किया जायेगा, जिसकी जवाबदेही पुलिस प्रशासन की होगी. नेतृत्वकर्ताओं ने पुलिस प्रशासन से कहा कि कांके थाना में दलालों की दुकानें खुल गयी हैं. 10 अप्रैल तक आरोपी की गिरफ्तारी नहीं होने पर ग्रामीण आंदोलन करने को स्वतंत्र होंगे.
डीएसपी अमित कुमार कच्छप, इंस्पेक्टर राजीव रंजन व एएसआइ सुखराम उरांव ने 10 अप्रैल तक आरोपी को गिरफ्तार कर लेने का आश्वासन दिया. इसके बाद ग्रामीण शांत हुए व वापस लौटे. घेराव में सधन उरांव, हुसीर मुखिया विजय उरांव, देवा उरांव, महली उरांव, संगीता तिग्गा, छोटी बाला सांगा सहित हुसीर, एकम्बा, रोल, मुरुम, बुढ़ीबागी, कुम्हरिया, बनहारा, संग्रामपुर, रेंडोपतरातू, दुबलिया गांव के ग्रामीण शामिल थे.