रांची : ये हैं राधा. इनके हाथ से बनायी गयी पोशाक राजधानी के प्रमुख मंदिरों में स्थित देवी-देवताओं को पहनायी जाती है. मूलत: वृंदावन की रहनेवाली राधा बचपन से ही भगवान के लिए पोशाक बनाती हैं. इस वर्ष रामनवमी पर भी शहर के मंदिर राधा के हाथों से बनायी गयी पोशाक से सजाये गये.
विदेशों में भी जाती है पोशाक
राधा द्वारा बनायी गयी पोशाक की पहुंच इस्कॉन अमेरिका तक है़ साथ ही कांके रोड दुर्गा मंदिर, महावीर चौक हनुमान मंदिर, अखाड़ा पंचमुखी हनुमान मंदिर आदि मंदिरों में भी भगवान को राधा की पोशाक पहनायी जाती है. माता जागरण, माता की चौकी, जन्माष्टमी और श्याम महोत्सव में भी भगवान के लिए पोशाक बनाती है़ं
यहां से हुई शुरुआत
राधा बचपन से ही कन्हैया के लिए पोशाक बना रही हैं. कांके रोड स्थित निवास से 1500 की लागत से भगवान की पोशाक बनाने का काम शुरू किया़ आज 500-15,000 रुपये तक की पोशाक बनाती हैं. वह कहती हैं कि पोशाक पर इससे ज्यादा खर्च होता है, लेकिन भगवान के प्रति प्रेम के कारण कम लागत पर ही तैयार कर देती हूं.
दो दिनाें में तैयार कर देती हैं पोशाक
हर महत्वपूर्ण पर्व पर ऑर्किड अस्पताल में स्थित राम दरबार को सजाती हैं. इस वर्ष रामनवमी पर राम दरबार को लाल बंधेज से सजाया है़ रानी सती मंदिर पटना और मायापुरी कोलकाता में स्थापित माता की पोशाक इनकी ही बनायी हुई है. राधा कहती हैं कि शुरुआत में वह खुद ही भगवान की पोशाक बनाती थी.
इसके बाद लगा कि अपनी इस कला को औरों में भी बांटनी चाहिए़ फिर अपने हुनर को कारीगरों के बीच बांटा़ इनकी डिजाइनिंग काबिले तारीफ है़ हैंड वर्क से दो से 15 दिनों के अंदर पोशाक तैयार कर देती है़ं राधा कहती हैं कि उनका जन्म कन्हैया की जन्मभूमि वृंदावन में हुआ है. कन्हैया से अटूट लगाव है़ कन्हैया की कृपा से ही भगवान की पोशाक बनाती हूं.