पिछले 10 सालों में झारखंड में टीकाकरण का दायरा आठ प्रतिशत से बढ़कर 61.9 प्रतिशत (एनएफएचएस–4) पर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसी जगह है, जहां टीकाकरण का कवरेज काफी कम है. एक अनुमान के तौर पर झारखंड में अभी भी तीन लाख बच्चे ऐसे हैं, जिनका बुनियादी टीकाकरण नहीं हुआ है.
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कल से बच्चों को दिया जायेगा टीका
रांची: सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है. इस दिन केंद्र सरकार के मिशन इंद्रधनुष 2017 कार्यक्रम के तहत झारखंड के अाठ जिलों में बच्चों को अलग-अलग बीमारियों से संबंधित टीके दिये जायेंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ ने तैयारी कर ली है. पिछले 10 सालों में झारखंड में टीकाकरण का दायरा आठ प्रतिशत […]
रांची: सात अप्रैल को विश्व स्वास्थ्य दिवस है. इस दिन केंद्र सरकार के मिशन इंद्रधनुष 2017 कार्यक्रम के तहत झारखंड के अाठ जिलों में बच्चों को अलग-अलग बीमारियों से संबंधित टीके दिये जायेंगे. इसके लिए स्वास्थ्य विभाग और यूनिसेफ ने तैयारी कर ली है.
पिछले 10 सालों में झारखंड में टीकाकरण का दायरा आठ प्रतिशत से बढ़कर 61.9 प्रतिशत (एनएफएचएस–4) पर पहुंच गया है, लेकिन अभी भी कुछ ऐसी जगह है, जहां टीकाकरण का कवरेज काफी कम है. एक अनुमान के तौर पर झारखंड में अभी भी तीन लाख बच्चे ऐसे हैं, जिनका बुनियादी टीकाकरण नहीं हुआ है.
भारत सरकार देश में पूर्ण टीकाकरण कवरेज को बेहतर बनाने और टीकाकरण अभियान द्वारा इसे वर्तमान 65 प्रतिशत से बढ़ा कर 90 प्रतिशत करने के लिए मिशन इंद्रधनुष के चतुर्थ चरण की शुरुआत सात अप्रैल को 19 राज्यों के 179 जिलों में करने जा रही है. इन 179 जिलों में से आठ जिले झारखंड के हैं.
भारत सरकार के दिशा-निर्देश के तहत झारखंड सरकार सात अप्रैल को इन आठ जिलों में से छह जिलों में मिशन इंद्रधनुष के तहत टीकाकरण अभियान को शुरू करने जा रही है, जहां 95,239 बच्चे टीकाकरण रहित या आंशिक टीकाकृत हैं. ये छह जिले हैं- पाकुड़ (8372), साहेबगंज (10962), गोड्डा (13167), गिरिडीह (30392), देवघर (12888) और पलामू (19458). शेष दो जिले गढ़वा (15572) और धनबाद (20569) में वर्तमान में जापानी इंसेफ्लाइटिस टीकाकरण अभियान चलने के कारण इंद्रधनुष के चौथे चरण का अभियान सात मई 2017 से शुरू किया जायेगा. भारत सरकार के निर्देशानुसार इस अभियान के तहत पूर्ण टीकाकरण कवरेज में सुधार के अलावा खसरा, जापानी इंसेफ्लाइटिस का दूसरा खुराक तथा डीपीटी व ओपीवी के बूस्टर डोज के कवरेज को बढ़ाने पर भी ध्यान केंद्रित किया जायेगा, जो कि बच्चे के प्रथम वर्ष पूरे होने के बाद दिये जाते हैं.
अभियान की अवधि
चतुर्थ चरण का अभियान अप्रैल-मई से प्रारंभ होकर जुलाई-अगस्त 2017 तक चलेगा. चतुर्थ चरण में चार राउंड होंगे तथा दो राउंड के बीच कम-से-कम चार सप्ताह का अंतर होगा. प्रत्येक राउंड सात दिनों तक चलेगा और सोमवार से शुरू होगा.
किन्हें दिया जायेगा
दो वर्ष से कम आयु के बच्चे और गर्भवती महिलाएं. हालांकि दो वर्ष से अधिक का बच्चा भी जिसे पूर्व में कुछ टीके नहीं लगे है और अब उसके माता–पिता टीके लगवाना चाहते हैं तो उसे मना नहीं किया जायेगा.
समय और स्थान
यह सत्र आंगनबाड़ी केंद्रों या समुदाय के नजदीकी किसी चयनित स्थल में सुबह नौ बजे से शाम चार बजे तक आयोजित किया जायेगा. सभी टीके सत्र के दौरान मुफ्त में दिये जायेंगे, जिसमें हाल ही में शामिल किया गया पेंटावेलेंट का टीका भी शामिल है.
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