रांची: खान विभाग को संचालित करने के लिए अब निजी कंपनियों को सहारा लिया जायेगा. राज्य सरकार ने इसके लिए कंसल्टेंट फर्म नियुक्त करने का फैसला किया है. उद्योग एवं खान विभाग द्वारा कंसल्टेंट फर्मों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल(आरएफपी) के लिए निविदा जारी कर कंपनियों से आवेदन मंगाया गया है. विभाग द्वारा जारी आरएफपी […]
रांची: खान विभाग को संचालित करने के लिए अब निजी कंपनियों को सहारा लिया जायेगा. राज्य सरकार ने इसके लिए कंसल्टेंट फर्म नियुक्त करने का फैसला किया है. उद्योग एवं खान विभाग द्वारा कंसल्टेंट फर्मों के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल(आरएफपी) के लिए निविदा जारी कर कंपनियों से आवेदन मंगाया गया है.
विभाग द्वारा जारी आरएफपी के अनुसार मैनेजमेंट कंसल्टेंसी सर्विस के लिए मैनेजमेंट कंसल्टेंट कंपनियों के लिए आरएफपी निकाला गया है. सरकार खुली निविदा के आधार पर कंसल्टेंट कंपनियों की नियुक्ति करना चाहती है. चयनित कंपनियां विभाग को बैक अॉफिस सपोर्ट के लिए नियुक्त करेगी, जिनके एक्सपर्ट रांची में ही रहकर विभाग के कामकाज में सहयोग करेंगे.
क्या-क्या होगा काम
मैनेजमेंट कंसल्टेंट को पूरे खनन क्षेत्र की समीक्षा कर इसके प्रशासनिक कार्यों को करना होगा. वर्तमान में विभाग के संपूर्ण कार्यों का अध्ययन कर इसकी भूमिका निर्धारित करनी होगी. साथ ही राज्य में स्थित सभी खनन उत्पादों का डाटाबेस तैयार करना होगा. झारखंड में पाये जाने वाले खनिजों के बाजार की संभावना तलाश करनी होगी. इसके लिए मार्केट असेसममेंट स्टडी करनी होगी. वर्तमान में खान विभाग के कार्यों को नये आइडिया से और बेहतर करना. भविष्य की योजनाओं, प्राथमिकता और उद्देश्यों का निर्धारण करना होगा. खनिजों के उत्खनन, नीलामी और डेवलपमेंट के लिए पॉलिसी का निर्धारण करना होगा. कुशल मैनपावर की कमी वाले क्षेत्र को चिह्नित करना जैसे काम होंगे.
इसके अलावा विभाग के अधीन संचालित निदेशालयों, खनन प्रशासन के विभिन्न चरणों का लक्ष्य निर्धारित करना होगा. निदेशालयों के पुनर्गठन का खाका तैयार करना होगा. विभाग के लिए स्टैंडर्ड अॉपरेटिंग प्रोसिड्योर तैयार करना होगा. साथ ही समय-समय पर विभाग के पदाधिकारियों के लिए प्रशिक्षण का आयोजन करना होगा.
लीज मैनेजमेंट में सहयोग करेगी कंपनी
बताया गया कि कंसल्टेंसी कंपनी खनिजों के लीज ग्रांट, कैंसिलेशन, एक्सटेंशन में सहयोग करेगी. नये लीज के लिए भी सहयोग करेगी. खनन राजस्व को बढ़ाने की दिशा में सुझाव देने का काम भी कंपनी करेगी. लीज एरिया में ओवरलैपिंग का निर्धारण कर अवैध उत्खनन रोकने के लिए प्रभावी कदम उठाने का काम कंपनी करेगी. कंसलटेंसी कंपनी द्वारा नीति निर्धारण में सहयोग किया जायेगा. वैसे खनिजों का निधार्रण किया जायेगा, जहां वैल्यू एडिशन किया जा सकता है. राज्य में नये खनिजों की खोज में सहयोग करने के साथ-साथ विभाग के संपूर्ण कार्यों को बेहतर करने का दायित्व कंसल्टेंसी कंपनी की होगी. मैनेजमेंट कंसल्टेंसी कंपनी के चयन के लिए निकाली गयी निविदा की अंतिम तिथि 12 मई निर्धारित की गयी है. 19 अप्रैल को प्री बिड कांफ्रेंस होगा.