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सालाना सवा चार करोड़ कमायेगा निगम, जाम मुक्त होगी राजधानी
नयी व्यवस्था. परमिटवाले ऑटो से निगम ही वसूलेगा पार्किंग शुल्क रांची नगर निगम ने ‘एक तीर से कई निशाने’ साधने की तैयारी कर ली है. नयी व्यवस्था के तहत अब निगम ही शहर में परमिटधारी ऑटो चालकों से पार्किंग चार्ज वसूलेगा. परमिटवाले सभी ऑटो को विशेष स्टिकर दिया जायेगा. इससे अवैध ऑटो पर लगाम लगेगी, […]
नयी व्यवस्था. परमिटवाले ऑटो से निगम ही वसूलेगा पार्किंग शुल्क
रांची नगर निगम ने ‘एक तीर से कई निशाने’ साधने की तैयारी कर ली है. नयी व्यवस्था के तहत अब निगम ही शहर में परमिटधारी ऑटो चालकों से पार्किंग चार्ज वसूलेगा.
परमिटवाले सभी ऑटो को विशेष स्टिकर दिया जायेगा. इससे अवैध ऑटो पर लगाम लगेगी, ऑटो चालकों से जगह-जगह होनेवाली अवैध वसूली रुक जायेगी, शहर की सड़कें जाम मुक्त होंगी अौर अंत में नगर निगम के राजस्व में वृद्धि होगी. अनुमान लगाया जा रहा है कि नयी पार्किंग वसूली व्यवस्था से निगम को प्रतिवर्ष सवा चार करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा. एक अप्रैल को हुई ट्रैफिक टास्क फोर्स की बैठक में इस प्रस्ताव को मंजूरी मिल चुकी है. एक मई से इस व्यवस्था के तहत शहर में ऑटो का परिचालन होगा.
उत्तम महतो
रांची : जिला परिवहन विभाग के अनुसार राजधानी में कुल 2335 डीजल ऑटो को परमिट जारी किया गया है. वहीं, जिला प्रशासन, रांची नगर निगम आैर यातायात विभाग के अनुसार शहर में परमिट और बिना परमिट वाले कुल 8000 ऑटो चलते हैं. उधर, प्रदेश डीजल ऑटो चालक महासंघ दावा करता है कि राजधानी की सड़कों पर परमिट वाले और बिना परमिट वाले कुल 18000 ऑटो चलते हैं. आंकड़े चाहे जो भी हों, लेकिन शहर की सड़कों पर लगनेवाले जाम की मुख्य वजह बड़ी तादाद में चलनेवाले ये अवैध डीजल ऑटो ही माने जाते हैं.
रांची नगर निगम, जिला प्रशासन और यातायात पुलिस की संयुक्त टीम ‘ट्रैफिक टास्क फोर्स’ भी लंबे अर्से से इस समस्या से निजात पाने की जुगत में लगा हुआ था. कई प्रयास भी हुए, लेकिन शहर की ट्रैफिक व्यवस्था को पटरी पर लाने में सफलता नहीं मिली. एक अप्रैल को हुई ट्रैफिक टास्क फोर्स की बैठक में तय किया गया कि शहर में केवल परमिट वाले ही ऑटो का परिचालन होगा. परमिटवाले डीजल ऑटो को रूट पास और ‘क्यूआर कोड’ स्टिकर दिया जायेगा, जिसे सभी ऑटो चालक अपने शीशे पर लगायेंगे. इससे अवैध डीजल ऑटो पर खुद-ब-खुद लगाम कस जायेगी. परमिटवाले प्रत्येक डीजल ऑटो से रांची नगर निगम ही प्रतिदिन 50 रुपये पार्किंगचार्ज वसूलेगा. वहीं, शहर के किसी हिस्से में कोई भी ठेकेदार या रंगदार पार्किंग चार्ज के नाम पर किसी प्रकार की वसूली नहीं कर पायेगा.
अवैध ऑटो काे नहीं दिया जायेगा स्टिकर
रूट पास और क्यूआर कोड वाले स्टिकर उन्हीं ऑटो को दिये जायेंगे, जिनके पास पॉल्यूशन कंट्रोल सर्टिफिकेट, परमिट, आरसी बुक, टैक्स टोकन, इंश्योरेंस और वैध ड्राइविंग लाइसेंस होगा. जिनके पास उपरोक्त कागजात नहीं होंगे, उन्हें फॉर्म ही नहीं दिया जायेगा. जो ऑटो चालक निगम से बिना रूट पास हासिल किये ऑटो चलायेंगे, उनसे 25 हजार रुपये दंड वसूला जायेगा. नगर निगम की यह नयी योजना अगर धरातल पर उतर गयी, तो यहां सड़कें काफी हद तक जाम मुक्त जायेंगी.
वैध से अधिक होती है अवैध वसूली
राजधानी में रांची नगर निगम द्वारा केवल तीन ऑटो स्टैंड का ही टेंडर किया गया है.इसमें संत जेवियर स्कूल के समीप पेट्रोल ऑटो स्टैंड, रातू रोड न्यू मार्केट स्थित ऑटो स्टैंड और अरगोड़ा चौक स्थित ऑटो स्टैंड शामिल हैं.
नियमत: शहर की सड़कों पर चलनेवाले इन ऑटो से इन तीन जगहों पर ही वसूली होनी चाहिए थी. परंतु रंगदारों व ठेकेदारों द्वारा कांटाटोली खादगढ़ा बस स्टैंड के समीप प्रवेश द्वार, कांटाटोली चौक, कोकर चौक, बूटी चौक, अलबर्ट एक्का चौक, मेन रोड काली मंदिर चौक, खेलगांव चौक, राजभवन के समीप, रातू रोड चौक, आइटीआइ बस स्टैंड व बिरसा चौक में ऑटो से अवैध वसूली की जाती है. इस प्रकार से शहर में चलने वाले एक ऑटो से प्रतिदिन अवैध रूप से 100-120 रुपये की अवैध वसूली होती है. इस हिसाब से एक दिन में शहर में ऑटो वालों से 18 लाख रुपये की अवैध वसूली होती है. वहीं, अनुमान लगाया जा रहा है कि नयी पार्किंग वसूली व्यवस्था से निगम को प्रतिवर्ष सवा चार करोड़ रुपये का राजस्व मिलेगा.
शहर की ट्रैफिक को दुरुस्त करने के लिए कुछ महत्वपूर्ण निर्णय लिये गये हैं. इन निर्णयों के लागू हो जाने से शहर के ट्रैफिक सिस्टम में काफी हद तक बदलाव आयेगा. लोगों कोेे जाम से मुक्ति मिलेगी. आनेवाले दिनों में और भी कई महत्वपूर्ण कदम उठाये जाने हैं.
संजय रंजन सिंह, ट्रैफिक एसपी
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