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आनेवाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी: सुदर्शन भगत
रांची : वनवासी समाज सरहुल को नववर्ष के रूप में देखता है. यह समाज प्रकृति के निकट है अौर हजारों वर्षों से प्रकृति का संरक्षण करता आ रहा है. आज पूरे विश्व में पर्यावरण अौर प्रकृति के संरक्षण की चिंता हो रही है. आनेवाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी है. उक्त बातें रविवार […]
रांची : वनवासी समाज सरहुल को नववर्ष के रूप में देखता है. यह समाज प्रकृति के निकट है अौर हजारों वर्षों से प्रकृति का संरक्षण करता आ रहा है. आज पूरे विश्व में पर्यावरण अौर प्रकृति के संरक्षण की चिंता हो रही है. आनेवाली पीढ़ियों के लिए प्रकृति का संरक्षण जरूरी है. उक्त बातें रविवार को केंद्रीय ग्रामीण राज्य मंत्री सुदर्शन भगत ने कही. वे वनवासी कल्याण केंद्र बरियातू में आयोजित सरहुल मिलन समारोह में बतौर मुख्य अतिथि बोल रहे थे.
सांसद रामटहल चौधरी ने कहा कि सरहुल पूर्वजों की देन है. उन्होंने अपने बचपन की स्मृतियों को साझा करते हुए कहा कि तब सभी गांवों में बड़े उत्साह से पर्व मनाया जाता था.
अब यह पर्व काफी वृहद पैमाने पर मनाया जाता है. पहले हमलोग मौसम वैज्ञानिकों से नहीं, बल्कि पाहनों से ही जानकारी पाते थे कि बारिश कैसी होगी. समारोह को मेयर आशा लकड़ा, राज्य खादी एवं ग्रामोद्योग बोर्ड के अध्यक्ष संजय सेठ सहित अन्य वक्ताअों ने भी संबोधित किया. इससे पूर्व झंडा गड़ी कर मिलन समारोह की शुरुआत की गयी. इसके बाद भारत माता अौर भगवान बिरसा मुंडा की तसवीरों पर माल्यार्पण किया गया.
मांदर की थाप अौर सरहुल के गीतों पर नृत्य की प्रस्तुति भी की गयी.वहीं जनजातीय समाज के लिए उल्लेखनीय काम करनेवाले पांच लोगों को सम्मानित किया गया. कार्यक्रम में विधायक जीतू चरण राम, विधायक राम कुमार पाहन, गंगोत्री कुजूर, विमला प्रधान, सज्जन सर्राफ, जगलाल पाहन, रिझू कच्छप, तुलसी प्रसाद गुप्ता, सत्येंद्र प्रसाद सिंह सहित अन्य उपस्थित थे.
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