हालांकि राज्य सरकार से 100 करोड़ पहले ही एडवांस के रूप में मिल गये हैं, लेकिन उक्त राशि को खर्च नहीं किया गया है. केंद्र सरकार के निर्देश के बाद ही प्रबंधन राशि खर्च करेगा. श्री घोष ने कहा कि राज्य सरकार से मिलनेवाली राशि से सेवानिवृत्त कर्मियों के बकाये ग्रेच्युटी, लीव इनकैशमेंट एवं अन्य बकाया का भुगतान किया जायेगा. कंपनी के ऊपर जो भी देनदारी है, उसे भुगतान कर खत्म किया जायेगा. सप्लायरों का भी बकाया भुगतान होगा.
प्रबंधन का प्रयास है कि आधुनिकीकरण योजना को शुरू करने के पहले कंपनी के पास कोई देनदारी नहीं रहे. एचइसी का आधुनिकीकरण चरणबद्ध तरीके से होगा. इसके लिए तीन वर्षों की योजना बनायी गयी है. इस अवधि में कंपनी को कार्यशील पूंजी की आवश्यकता होगी. इसके लिए भी प्रबंधन के द्वारा योजना बनायी गयी है. इस बार एचइसी के लिए यह अंतिम अवसर है.