कहा कि एक मई से राजस्व से जुड़े वादों की मेन्युअल इंट्री नहीं होगी. वाद के निष्पादन के क्रम में तिथि का निर्धारण ऑनलाइन उपलब्ध होगा. इससे आम लोगों को वाद की तिथि और आदेश से संबंधित सूचनाएं ऑनलाइन उपलब्ध होंगी. सीआरपीसी के तहत दर्ज वाद 107, 109, 133, 144, 145 व 147 से संबंधित वाद भी ऑनलाइन इ-कोर्ट का हिस्सा होंगे. मुख्य सचिव ने प्रमंडलीय आयुक्त एवं बोर्ड ऑफ रेवेन्यू के यहां प्रक्रियाधीन राजस्व से संबंधित मामलों को ऑनलाइन कंप्यूटराइजेशन कार्य कराने के लिए सभी अंचलाधिकारियों, डीसीएलआर, अपर समाहर्ता व उपायुक्तों को निर्देश दिये. उन्होंने कहा कि राजस्व से संबंधित वाद ऑनलाइन होने से पारदर्शिता सुनिश्चित होगी. समयबद्ध तरीके से वादों का निष्पादन हो सकेगा.
श्रीमती वर्मा ने अभियान चला कर पुराने राजस्व संबंधित सभी मामलों के कंप्यूटरीकरण व ऑनलाइन प्रविष्टि सुनिश्चित करने के निर्देश दिये. कहा कि यह झारखंड सरकार के ईज ऑफ डूईंग बिजनेस के बेहतर क्रियान्वयन में भी सहायक सिद्ध होगा. अपर समाहर्ता राजस्व से जुड़े वादों के लिये नोडल पदाधिकारी के रूप में काम करेंगे. बैठक में आइटी सचिव सुनील वर्णवाल, सचिव राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार केके सोन, निदेशक राजस्व निबंधन एवं भूमि सुधार के श्रीनिवासन, उद्योग विभाग के ओएसडी मुकेश कुमार समेत एनआइसी के पदाधिकारी शामिल थे.