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रैयतों को आठ साल बाद मिला मुआवजा
रांची: रिंग रोड में जमीन देनेवाले रैयतों को आठ वर्षों बाद बकाया मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है. लगभग 1000 रैयत ऐसे हैं, जिन्हें वर्ष 2006-07 से मुआवजा नहीं मिला है. भू-अर्जन कार्यालय ने अब इन रैयतों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में 14.14 करोड़ रुपये मुआवजा दिया […]
रांची: रिंग रोड में जमीन देनेवाले रैयतों को आठ वर्षों बाद बकाया मुआवजे का भुगतान किया जा रहा है. लगभग 1000 रैयत ऐसे हैं, जिन्हें वर्ष 2006-07 से मुआवजा नहीं मिला है. भू-अर्जन कार्यालय ने अब इन रैयतों को मुआवजा देने की प्रक्रिया शुरू कर दी है. पहले चरण में 14.14 करोड़ रुपये मुआवजा दिया जायेगा. लगभग 20 रैयतों को मुआवजे का भुगतान कर दिया गया है.
रैयतों को जल्द से जल्द मुआवजा का भुगतान हो सके, इसके लिए रैयतों की सूची तैयार कर उन्हें सूचना भी दी जा रही है. फिलहाल सेक्शन 1, 2 व 7 का पैसा सरकार से मिला है. सेक्शन 1 व 2 में 22.78 करोड़ रुपये मिले हैं. वहीं, सेक्शन-7 में 1.14 करोड़ रुपये भू-अर्जन कार्यालय को मिले हैं.
क्यों नहीं बंटा मुआवजा
पूर्व में रैयतों के बीच 22 करोड़ रुपये का मुआवजा बांटा जाना था. लेकिन, राशि नहीं मिलने की वजह से मुआवजा का वितरण नहीं हो पाया. भू-अर्जन कार्यालय द्वारा अब तक 7 करोड़ रुपये मुआवजे के तौर पर बांट दिया गया है.
इन प्रखंडों के गांव हैं शामिल : ये सभी रैयत अनगड़ा, नामकुम, रातू, नगड़ी, कांके प्रखंड के गांव हैं.
प्रशासन की अपील
जिला भू-अर्जन कार्यालय की ओर से कहा गया है कि रिंग रोड से संबंधित जिन रैयतों का भुगतान लंबित है, वे भू-अर्जन कार्यालय में आकर संपर्क कर सकते हैं.
किन-किन गांवों के रैयतों का बकाया है मुआवजा
उलातु, गढ़के, तुपुदाना, डुंगरी, नेवरी, चतरा, सिल्वे, गढ़खटंगा, लाल खटंगा, गुटूवा, सिमलिया, कोचेबोंग, खरसीदाग, बालालौंग, बालश्रृंग, सिठियो, सिमलिया.
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