गौरतलब है कि देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पीजी सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया है. सरकार ने इस साल देश के मेडिकल कॉलेजों में 5000 पीजी सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसी आधार पर पीजी की सीटें बढ़ायी जा रही है. रिम्स प्रबंधन को पीजी की करीब 35 सीटें बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन उसे नौ सीटों से ही संतोष करना पड़ा. वहीं पीएमसीएच व एमजीएम को करीब पांच-पांच सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वहां एक भी सीट नहीं बढ़ पायी है. पीजी सीट बढ़ाने के मद्देनजर रिम्स प्रबंधन ने असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर में डाॅक्टरों को पदोन्नत किया था.
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पीजी मेडिकल में झारखंड को मिली मात्र नौ सीटें
रांची : एमसीआइ ने राज्य में पीजी की मात्र नौ सीटें ही बढ़ायी है. यह सीट सिर्फ रिम्स के लिए बढ़ायी गयी है. वहीं एमजीएम जमशेदपुर एवं पीएमसीएच धनबाद के मेडिकल काॅलेज में पीजी सीटें नहीं बढ़ायी गयी है. रिम्स में जिन दो विभागों में सीटें बढ़ायी गयी है, उसमें सर्जरी में आठ एवं इएनटी […]
रांची : एमसीआइ ने राज्य में पीजी की मात्र नौ सीटें ही बढ़ायी है. यह सीट सिर्फ रिम्स के लिए बढ़ायी गयी है. वहीं एमजीएम जमशेदपुर एवं पीएमसीएच धनबाद के मेडिकल काॅलेज में पीजी सीटें नहीं बढ़ायी गयी है. रिम्स में जिन दो विभागों में सीटें बढ़ायी गयी है, उसमें सर्जरी में आठ एवं इएनटी में एक सीट शामिल है. सर्जरी में अब सीट बढ़ कर 16 से 24 एवं इएनटी में चार से बढ़ कर पांच हो गयी है. यानी रिम्स में इस सत्र में पीजी के लिए 192 सीटों पर नामांकन होगा. नौ सीट में राज्य का कोटा सिर्फ चार ही होगा. शेष सीट केंद्रीय कोटा से भरी जायेगी.
गौरतलब है कि देश में विशेषज्ञ चिकित्सकों की कमी को देखते हुए केंद्र सरकार ने पीजी सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया है. सरकार ने इस साल देश के मेडिकल कॉलेजों में 5000 पीजी सीटें बढ़ाने का निर्णय लिया है. इसी आधार पर पीजी की सीटें बढ़ायी जा रही है. रिम्स प्रबंधन को पीजी की करीब 35 सीटें बढ़ने की उम्मीद थी, लेकिन उसे नौ सीटों से ही संतोष करना पड़ा. वहीं पीएमसीएच व एमजीएम को करीब पांच-पांच सीटें मिलने की उम्मीद थी, लेकिन वहां एक भी सीट नहीं बढ़ पायी है. पीजी सीट बढ़ाने के मद्देनजर रिम्स प्रबंधन ने असिस्टेंट प्रोफेसर से एसोसिएट प्रोफेसर में डाॅक्टरों को पदोन्नत किया था.
क्यों नहीं बढ़ी ज्यादा सीटें
विशेषज्ञों का मानना है कि राज्य के तीनों मेडिकल कॉलेज में फैकल्टी की कमी है. शिक्षक व विद्यार्थियों के अनुपात में काफी फासला है. यही कारण है कि जब भी पीजी सीटें बढ़ाने के लिए आकलन किया जाता है, राज्य के मेडिकल कॉलेज पीछे रह जाते हैं. रिम्स ने इस फासले को कम करने का प्रयास किया, लेकिन पीएमसीएच एवं एमजीएम में इस पर कोई ठोस कदम नहीं उठाया गया.
रिम्स में पीजी की नौ सीटें बढ़ी है. हमें 35 सीटों की उम्मीद थी. डिप्लोमा सीट को सरेंडर कर पीजी सीटों में बढ़ोतरी करने की बात हो रही थी, लेकिन हमारे कई विभागों में इस साल डिप्लोमा में नामांकन नहीं हो पाता.
डॉ बीएल शेरवाल, निदेशक, रिम्स
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