आदिवासी छात्र संघ ने उस रूम को ही बंद कर दिया था, जहां कलाकारों के वस्त्र रखे हुए थे. रूम खुलवाने व समझाने के लिए कॉलेज के प्राचार्य सहित विवि के प्रॉक्टर व अन्य अधिकारी गये लेकिन संघ के सदस्यों ने एक नहीं सुनी. संघ के सदस्यों का कहना था कि कॉलेज के नामकरण को लेकर वे लोग काफी दिनों से विरोध कर रहे हैं, लेकिन उनकी बात नहीं सुनी जा रही है.
इसलिए विवश होकर यह कदम उठाना पड़ा. अंतत: कॉलेज के प्राचार्य ने राजभवन में पत्र लिख कर कार्यक्रम नहीं करा पाने की जानकारी दी. इधर, राजभवन में बिरसा मंडप में सारी तैयारी पूरी कर ली गयी थी. राजभवन द्वारा लगभग 400 लोगों के खाने का भी इंतजाम कर लिया गया था. कॉलेज के टीआरएल व राजनीतिशास्त्र विभाग व कुछ शिक्षकों को मिला कर लगभग 50 कलाकारों द्वारा कार्यक्रम का आयोजन किया जाना था. इधर, राजभवन के अधिकारियों ने कहा कि पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार रांची कॉलेज के विद्यार्थियों को ही कार्यक्रम का आयोजन करना था. लेकिन वे लोग नहीं आये. फलस्वरूप कार्यक्रम स्थगित कर दिया गया.