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फरजी मालकिन खड़ा कर बेच दी 13 डिसमिल जमीन

रांची: रातू अंचल के नवासोसो (पहले कांके अंचल) स्थित 13 डिसमिल जमीन भू-माफियाअों ने जालसाजी कर बेच डाली. जमीन की वास्तविक मालकिन सरोज लाल सरकारी ड्यूटी में दरभंगा में थीं. उसी समय यहां फरजी सरोज लाल को खड़ा कर पूरी जमीन बेच दी. यहां तक कि विक्रेता के फोटो की जगह किसी दूसरी महिला का […]

रांची: रातू अंचल के नवासोसो (पहले कांके अंचल) स्थित 13 डिसमिल जमीन भू-माफियाअों ने जालसाजी कर बेच डाली. जमीन की वास्तविक मालकिन सरोज लाल सरकारी ड्यूटी में दरभंगा में थीं. उसी समय यहां फरजी सरोज लाल को खड़ा कर पूरी जमीन बेच दी. यहां तक कि विक्रेता के फोटो की जगह किसी दूसरी महिला का फोटो चिपका दिया गया है. उसमें हस्ताक्षर भी फरजी है. खाता संख्या तीन, प्लाट संख्या 109, सब प्लॉट संख्या 109/3 ए की 13 डिसमिल जमीन में से 11.5 डिसमिल तीन लोगों प्रशांत कुमार झा, प्रेरणा प्रज्ञा व अर्चना कुमारी को बेची गयी है. शेष डेढ़ डिसमिल जमीन पर रोड निकाल दिया गया है.
तीनों की जमीन रजिस्ट्री में पहचानकर्ता के रूप में ब्रजेश लाल का नाम अंकित है. रजिस्ट्री में किसी का पहचान पत्र भी नहीं लिया गया है. सबसे दिलचस्प बात है कि इस जमीन की न तो रजिस्ट्री होने में किसी तरह की अड़चन आयी और न ही दाखिल खारिज करने में. सारा कुछ भू-माफियाअों व कर्मचारियों-अधिकारियों की सांठगांठ से आसानी से हो गया. उनके साथ ही कुछ स्थानीय लोग भी इसमें शामिल हैं. इसकी शिकायत जमीन के वास्तविक मालिक स्वर्गीय दिनेश लाल व सरोज लाल के पुत्र नवीन कुमार ने उपायुक्त सहित संबंधित सारे पदाधिकारियों से की है. उन्होंने जमाबंदी रद्द कराने का आग्रह किया है.
चार साल पहले हुई रजिस्ट्री : भू -माफियाओं ने 13 मई 2013 को डीड संख्या 771, 772, 773 की रजिस्ट्री रांची अरबन तीन के रजिस्ट्री अॉफिस से करायी है. इसमें से प्रशांत कुमार झा की साढ़े पांच डिसमिल जमीन के दाखिल-खारिज के लिए 2014-15 में तथा प्रेरणा प्रज्ञा की तीन डिसमिल जमीन के लिए 2015-16 में आवेदन दिया गया था. दोनों का दाखिल-खारिज हो गया है. अर्चना कुमारी की तीन डिसमिल जमीन की दाखिल-खारिज नहीं हुई है.
1983 में दिनेश लाल ने खरीदी थी जमीन : यह जमीन हरमू हाउसिंग कॉलोनी में रहनेवाले दिनेश लाल ने 1983 में खरीदी थी. तीन जुलाई 1987 को उनके नाम से दाखिल-खारिज भी हो गया था. शिकायत पत्र के मुताबिक दिनेश लाल के नाम से भाग संख्या एक, पृष्ठ 88 में जमाबंदी दर्ज है. तब से वह अपनी जमीन का लगान दे रहे थे. इस बीच 22 नवंबर 2010 को दिनेश लाल की मृत्यु हो गयी. उनकी पत्नी सरोज लाल बिहार सरकार में शिक्षिका हैं. उनके पुत्र नवीन लगातार लगान दे रहे थे. अॉनलाइन लगान व्यवस्था होने पर भी वह राशि भरते रहे. 2015-16 तक की भी रशीद उनके नाम से निर्गत है.
कैसे सामने आया मामला : नवीन कुमार ने जब इस बार अॉनलाइन लगान भरना चाहा, तो उन्हें पहले तो साढ़े पांच डिसमिल जमीन कम दिखी. यानी 7.5 डिसमिल दिखी. फिर बाद में और तीन डिसमिल जमीन घट गयी. इस तरह 4.5 डिसमिल ही जमीन अॉनलाइन में दिख रही थी. इसके बाद वह स्थल पर गये, तो देखा कि जमीन के कुछ हिस्से को घेर लिया गया है.

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