योगानंद महाराज ने क्रिया योग के माध्यम से विज्ञान व अाध्यात्म में सामंजस्य स्थापित करने की कला सिखायी, जो पूरे विश्व में फैला हुआ है. मैं उनके व्यक्तित्व को प्रणाम करता हूं. आज का दिन झारखंड के लिए एक एेतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में जरूरत है कि हम हिंदुत्व के भाव की तलाश करें. कार्यक्रम में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित आश्रम के जुड़े देेश-विदेश से आये अनुयायी शामिल हुए. राजधानी के प्रशासन, शिक्षा, चिकित्सा एवं व्यवसाय से जुड़े कई प्रतिष्ठित लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम में स्वामी शुद्धांनद जी ने मृणालिनी माता का संदेश पढ़ कर सुनाया. कार्यक्रम का संचालन ईश्वरानंद गिरी ने किया.
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योगदा सत्संग सोसाइटी: शताब्दी समारोह को मुख्यमंत्री रघुवर दास ने किया संबोधित, कहा शिक्षा वही, जो विकारों से मुक्त करे
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भारत आध्यात्मिक देश है. देश की संस्कृति हमारी पहचान है. हमें सिखाया गया है कि धरती हमारी माता है, हम उसके पुत्र हैं. यानी पूरे विश्व के लोग हमारे भाई हैं. योगानंद जी ने क्रिया योग की शिक्षा प्रदान की. शिक्षा वही है, जो हमें विकारों से […]
रांची : मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि भारत आध्यात्मिक देश है. देश की संस्कृति हमारी पहचान है. हमें सिखाया गया है कि धरती हमारी माता है, हम उसके पुत्र हैं. यानी पूरे विश्व के लोग हमारे भाई हैं. योगानंद जी ने क्रिया योग की शिक्षा प्रदान की. शिक्षा वही है, जो हमें विकारों से मुक्त करे. मानवता, भक्ति और अध्यात्म से जोड़े. श्री दास बुधवार को योगदा सत्संग सोसाइटी के शताब्दी समारोह को संबोधित कर रहे थे.
मुख्यमंत्री ने कहा कि आज हम वैश्विक युग में जी रहे हैं. मानसिक शांति के लिए अध्यात्म से जुड़ना होगा. हम भौतिक सुख की कामना में जुटे रहते हैं, लेकिन असली सुख अाध्यात्म में है. दुनिया में पैसा ही सब कुछ नहीं है. भाैतिक सुख के लिए हम पैसे के पीछे भाग रहे हैं. यह तनाव के अलावा गंभीर बीमारियों को आमंत्रण देता है. हमारा शरीर सिर्फ पेट भरने के लिए नहीं बना है. जब आपकी आत्मा सुखी नहीं होगी, तो पेट भरने का कोई लाभ नहीं है.
योगानंद महाराज ने क्रिया योग के माध्यम से विज्ञान व अाध्यात्म में सामंजस्य स्थापित करने की कला सिखायी, जो पूरे विश्व में फैला हुआ है. मैं उनके व्यक्तित्व को प्रणाम करता हूं. आज का दिन झारखंड के लिए एक एेतिहासिक दिन है. उन्होंने कहा कि आनेवाले समय में जरूरत है कि हम हिंदुत्व के भाव की तलाश करें. कार्यक्रम में मेयर आशा लकड़ा, डिप्टी मेयर संजीव विजयवर्गीय सहित आश्रम के जुड़े देेश-विदेश से आये अनुयायी शामिल हुए. राजधानी के प्रशासन, शिक्षा, चिकित्सा एवं व्यवसाय से जुड़े कई प्रतिष्ठित लोग भी कार्यक्रम में शामिल हुए. कार्यक्रम में स्वामी शुद्धांनद जी ने मृणालिनी माता का संदेश पढ़ कर सुनाया. कार्यक्रम का संचालन ईश्वरानंद गिरी ने किया.
कार्यक्रम में ध्यान का कराया गया अभ्यास
कार्यक्रम में ध्यान का अभ्यास कराया गया. स्वामी ईश्वरानंद गिरी ने बताया कि कैसे योग क्रिया से स्वयं ईश्वर काे प्राप्त किया जा सकता है. उन्होंने 10 मिनट तक सबको ध्यान का अभ्यास कराया. मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी सभी भक्तों के साथ ध्यान किया.
जीने की कला और अध्यात्म में सामंजस्य बनाता है क्रियायोग : स्वामी स्मरणानंद गिरी
योगदा सत्संग सोसाइटी के महासचिव स्वामी स्मरणानंद गिरी ने कहा कि क्रियायोग से हमारे अंदर जीने की कला व अध्यात्म सामंजस्य स्थापित होता है. गुरुजी ने क्रियायोग द्वारा प्रणायाम व ध्यान के तकनीक को सरलता से बताया है. इसका अनुसरण कोई भी आसानी से कर सकता है. ऑटोबॉयोग्राफी आॅफ योगी का प्रकाशन वर्ष 1946 में हुआ था. सात दशक से यह पुस्तक सबसे ज्यादा बिकने वाली पुस्तक है. इस पुस्तक का प्रकाशन 46 भाषाओें में किया गया है.
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