Advertisement
रांची टेस्ट : रोमांचक दौर में
तीसरा टेस्ट : चौथा िदन स्कोर : पहली पारी ऐसे बदला मैच का रुख पहला दिन : बल्लेबाज हावी मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज हावी रहे और उन्होंने 299 रन ठोंक डाले, जबकि उसने सिर्फ चार विकेट गंवाये. दूसरा दिन : जडेजा ने करायी वापसी रवींद्र जडेजा ने पांच िवकेट लिये. ऑस्ट्रेलिया ने […]
तीसरा टेस्ट : चौथा िदन
स्कोर : पहली पारी
ऐसे बदला मैच का रुख
पहला दिन : बल्लेबाज हावी
मैच के पहले दिन ऑस्ट्रेलिया के बल्लेबाज हावी रहे और उन्होंने 299 रन ठोंक डाले, जबकि उसने सिर्फ चार विकेट गंवाये.
दूसरा दिन : जडेजा ने करायी वापसी
रवींद्र जडेजा ने पांच िवकेट लिये. ऑस्ट्रेलिया ने छह िवकेट गंवा कर सिर्फ 152 रन बनाये.
तीसरा दिन : पुजारा की पारी
चेतेश्वर पुजारा ने नाबाद 130 रन की मैराथन पारी खेली. राहुल (67) और मुरली विजय (82) ने उनका बखूबी साथ दिया.
चौथा दिन : भारत की बढ़त
भारत ने 152 रन की बढ़त ली, ऑस्ट्रेलिया के दो विकेट जल्द िगरे. मैच रोमांचक दौर में पहुंचा.
चेतेश्वर पुजारा की रिकाॅर्ड पारी व साहा के शतक से भारत मजबूत
पुजारा एक पारी में 500 से अधिक गेंद खेलने वाले पहले भारतीय बल्लेबाज बने. विश्व का सर्वाधिक बॉल खेलने का िरकॉर्ड सर लियोनर्ड हटन (847 गेंद) का है
क्रीज पर 11 घंटे 12 मिनट बिताए
द्रविड़ के 12 साल पुराने रिकाॅर्ड को तोड़ा. जिन्होंने अप्रैल 2004 में पाक के खिलाफ 270 रन 495 गेंद का सामना कर बनाया था.
चार दिन का होना चाहिए टेस्ट
सुनील कुमार
रांची : पूर्व भारतीय टेस्ट क्रिकेटर और कमेंटेटर रवि शास्त्री रांची में हैं. डायनामिक पर्सनालिटीवाले शास्त्री भारत – अॉस्ट्रेलिया के बीच खेले जा रहे टेस्ट मैच की कमेंटरी कर रहे हैं. वह कई बार रांची आ चुके हैं. रांची के दर्शकों, जेएससीए स्टेडियम और टेस्ट मैचों को रोचक कैसे बनाया जाये, इस पर रविवार को प्रभात खबर ने उनसे बातचीत की.
अक्सर क्रिकेट के छोटे फॉरमेट में दर्शकों की काफी भीड़ उमड़ती है. टेस्ट मैचों को रोचक बनाने के लिए क्या किया जाना चाहिए, ताकि ज्यादा-से-ज्यादा दर्शक स्टेडियम में मैच देखने आयें?
ऐसा नहीं है. टेस्ट मैच देखने के लिए यहां (जेएससीए में) बहुत अच्छी भीड़ है. रविवार को 20 हजार के करीब दर्शक पहुंचे हैं. हमें ये समझना चाहिए कि टेस्ट मैच वीक डे में खेले जाते हैं. ऐसे में लोगों का आना थोड़ा मुश्किल होता है, लेकिन यदि 15 से 20 हजार दर्शक भी आते हैं, तो यह काफी है.
टेस्ट मैच के फॉरमेट में कोई बदलाव लाना चाहिए?
टेस्ट मैच के फॉर्मेट में खास बदलाव नहीं लाना चाहिए. मेरे हिसाब से भविष्य में चार दिन का टेस्ट मैच होना चाहिए और उन चार दिनों में मैच का नतीजा निकालने की कोशिश की जानी चाहिए. मैं डे-नाइट टेस्ट मैच के बिल्कुल खिलाफ हूं. यह काफी मुश्किल है, क्योंकि रात के समय ओस की समस्या आयेगी. हां, यदि एक्सपेरिमेंट करना है, तो इसका एक सत्र शाम में करना चाहिए. मतलब टेस्ट सुबह 11 या 12 बजे शुरू करो और इसका एक सत्र अंधेरे में शाम को साढ़े सात-आठ बजे खेलाे. तब हम देखेंगे कि कितने दर्शक आते हैं. दिन भर काम करने के बाद अंतिम सत्र देखने के लिए. तब शायद लोगों की ज्यादा रुचि होगी कि फ्लड लाइट्स में टेस्ट मैच कैसा लगता है.
आप जब क्रिकेट खेलते थे, तब और अब के क्रिकेट में कितना फर्क दिखता है?
पहले और अाज के क्रिकेट में बहुत फर्क है. अभी तीन-तीन फॉरमेट आ गये हैं. हम जब खेलते थे, तब टेस्ट मैच था. वनडे क्रिकेट शुरुआती दौर में था, लेकिन अब आइपीएल है, टी-20 क्रिकेट है. अब और बहुत ज्यादा क्रिकेट खेला जाने लगा है, इससे फर्क तो बहुत आया है.
यूपी में भाजपा की जीत पर आपने मोदी जी को ट्विट कर बधाई दी. उन्होंने भी जवाब दिया. इसे किस रूप में लेना चाहिए. कहीं आप पॉलिटिक्स तो ज्वाइन नहीं करनेवाले?
नहीं. मैं पॉलिटिक्स नहीं ज्वाइन करनेवाला. यह एक सामान्य घटना है. यूपी में उन्हें 300 से अधिक सीटें मिली. यह बहुत ज्यादा होता है. पहले सुना ही नहीं था. मैं जैसा कमेंटरी में बोलता हूं कि गेंद बाउंड्री की तरफ गयी, बुलेट की तरह. उन्होंने भी 300 का अांकड़ा पास किया था बुलेट की तरह. और जब मैच रोमांचक होता है, तो जैसा मैं बोलता हूं कि मैच डाउन टू द वायर (अंतिम समय तक नतीजों का पता नहीं चलना) जायेगी, लेकिन वैसा हुआ नहीं. मोदी जी ने भी मेरे ही अंदाज में मुझे जवाब दिया.
धौनी ने टेस्ट से संन्यास लिया, फिर सीमित ओवरों की कप्तानी छोड़ी. इसका टीम पर कैसा और कितना असर पड़ा है?
माही ने टेस्ट से संन्यास ले लिया, क्योंकि उनका समय हो गया था. मैं खुश हूं कि वह वनडे क्रिकेट अब तक खेल रहे हैं. विराट कोहली उनसे काफी कुछ सीख सकते हैं. माही के पास काफी अनुभव है. यदि वनडे क्रिकेट देखा जाये, ताे बल्लेबाजी हो या विकेटकीपिंग, माही का कोई मुकाबला है ही नहीं. वह अभी भी रन बना सकते हैं और वनडे में उनकी कीपिंग भी बहुत अच्छी है. जब सचिन और द्रविड़ ने संन्यास लिया था, तब धौनी ने उनसे काफी सीखा था. वैसे ही विराट कोहली भी वनडे क्रिकेट में उनसे काफी कुछ सीख सकते हैं.
बिजी शेड्यूल में फिट रहने के लिए क्या करते हैं?
शेड्यूल तो काफी बिजी है, लेकिन अब इसकी आदत हो गयी है. काफी ट्रैवल करना पड़ता है. शुरू में शरीर काफी थक जाता था. जब हम खेलते थे, तब शारीरिक रूप से थकता था. अब जो प्रोफेशन है, इसमें मानसिक थकान ज्यादा होती है. पूरा दिन देखना और फोकस करना पड़ता है. जब मैंने कमेंटरी शुरू की और दिन खत्म होने के बाद रूम में पहुंचा, तब दो घंटा कैसे सो गया, पता ही नहीं चला. अब तो इन सबकी आदत हो चुकी है. शरीर भी इन सबका आदी हो गया है.
टीम के हेड कोच कुंबले हैं. भारतीय और विदेशी कोच से कितना फर्क पड़ता है?
जब तक अनिल करेगा, करने दो. इसके बाद यह देखना चाहिए कि इंडिया टीम के लिए सबसे अच्छा कौन है. ये नहीं देखना चाहिए , वह कहां से है. जो भारत का कल्चर समझता है, जो फिट होता है भारतीय वातावरण में, वह सब देखने के बाद कोच का चयन करना चाहिए.
रांची के क्रिकेट फैंस को क्या संदेश देंगे?
रांची के क्रिकेट फैंस से मैं बहुत प्रभावित हूं. मेरे हिसाब से यह भारत के शानदार स्टेडियमों में से एक है. यहां काफी फैसिलिटीज हैं, खास कर मीडिया के लिए. मैं जब टीम इंडिया का निदेशक था, तब मैंने ड्रेसिंग रूम और ग्राउंड की सुविधाएं भी देखी है. बहुत शानदार है. यहां खेलनेवाले क्रिकेटरों को गर्व होना चाहिए कि इन सुविधाओं के बीच वह खेल रहे हैं. इस स्टेडियम के निर्माण के पीछे जो भी लोग हैं, इसे मैनेज करने में, सारा श्रेय उन्हें देना चाहिए. 20 साल पहले यदि कोई मुझे बोलता कि रांची में कोई स्टेडियम होगा, तो मैं उसे भगा देता. तब जमशेदपुर या फिर काेलकाता के बारे में ही सोच सकते थे. अब यहां पर ऐसा स्टेडियम होना मायने की बात है.
डे -नाइट टेस्ट मैच कराने में हाेगी परेशानी
माही से काफी कुछ सीख सकते हैं कोहली
माही का काेई मुकाबला है ही नहीं
राजनीति में जाने का काेई इरादा नहीं
शानदार है जेएससीए, सुविधाएं भी बेहतरीन
टीम को जो अच्छी कोचिंग दे, वैसा ही काेच हाे
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement