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रांची :मॉड्यूलर टॉयलेट केंद्रीय टीम को दिखाने के लिए बनवाये थे क्या?

बेहाल. कई में ताला लटका है, तो किसी का निर्माण पूरा नहीं हुआ रांची नगर निगम ने शहर भर में 80 मॉड्यूलर टॉयलेट बनवा रहा है. 60 बन भी गये हैं. इनके निर्माण में उस वक्त और तेजी आ गयी थी जब ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ प्रतियोगिता शुरू हुई. केंद्र सरकार द्वारा हायर की गयी एजेंसी क्वालिटी […]

बेहाल. कई में ताला लटका है, तो किसी का निर्माण पूरा नहीं हुआ
रांची नगर निगम ने शहर भर में 80 मॉड्यूलर टॉयलेट बनवा रहा है. 60 बन भी गये हैं. इनके निर्माण में उस वक्त और तेजी आ गयी थी जब ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ प्रतियोगिता शुरू हुई.
केंद्र सरकार द्वारा हायर की गयी एजेंसी क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) सर्वेक्षण के लिए आनेवाली थी, इसलिए शहरवासियों को इनके इस्तेमाल के लिए जागरूक किया जाने लगा. वहीं, खुले में लघुशंका करनेवालों से जुर्माना भी वसूला जाने लगा. केंद्र की टीम के सामने नगर निगम ने इन मॉड्यूलर टॉयलेट को अपनी उपलब्धि के रूप में पेश भी किया. हालांकि, मौजूदा समय में इनकी हालत देखकर लगता है कि इनका निर्माण केवल केंद्र की टीम को दिखाने के लिए ही किया गया था. फिलहाल ज्यादातर में या तो ताला लगा है या उनका निर्माण अधूरा है. वहीं, ज्यादातर मॉड्यूलर टॉयलेट का रखरखाव भी ठीक ढंग से नहीं हो रहा है.
रांची : रांची नगर निगम ने ‘स्वच्छ भारत मिशन’ के तहत इन करीब 1.5 करोड़ रुपये की लागत से इन 80 मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण कराया जाना है. इनमें से 60 का निर्माण हो चुका है. बाकी के 20 टॉयलेट का निर्माण कार्य जमीन विवाद के कारण फंसा हुआ है.
मॉड्यूलर टॉयलेट का निर्माण के पीछे नगर निगम का उद्देश्य था कि लोग सड़कों के किनारे या सार्वजनिक स्थानाें पर मल-मूत्र का त्याग न करें. इससे राजधानी की छवि में सुधार की उम्मीद की जा रही थी. हालांकि, इसका कोई खास फायदा होता नजर नहीं आ रहा है, क्योंकि इनमें से ज्यादातर में या तो ताले लटके हुए हैं या उनका निर्माण कार्य पूरा नहीं हुआ है. इसके लिए सीधे तौर पर रांची नगर निगम ही जिम्मेवार है. ऐसे में आमलोग यह सवाल उठने लगे हैं कि जब ज्यादातर मॉड्यूलर टॉयलेट में ताला लगा रहेगा, तो आम लाेग मल-मूत्र का त्याग कहां करेंगे?
स्वच्छ सर्वेक्षण प्रतियोगिता
चार जनवरी से चार फरवरी तक देश भर के 500 शहरों के बीच ‘स्वच्छ सर्वेक्षण-2017’ प्रतियोगित हुई थी. इसमें रांची भी शामिल थी. इसके नतीजों के आधार पर देश के सर्वश्रेष्ठ से लेकर बदतर शहरों तक की सूची जारी की जानी है. प्रतियोगिता 2000 अंकों की थी. ये नंबर केंद्र सरकार द्वारा हायर की गयी एजेंसी क्वालिटी कंट्रोल ऑफ इंडिया (क्यूसीआइ) के सर्वे के आधार पर दिये जाने हैं. गौरतबल है कि वर्ष 2016 में कुल 73 शहरों के सर्वेक्षण में रांची को 62वां स्थान मिला था.

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