जांच टीम ने दोे गवाहों के समक्ष इंप्लांट को जब्त किया है. टीम ने राज्य औषधि निदेशालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है. इसके अलावा कई सप्लायरों के यहां जांच टीम कई बार गयी, लेकिन प्रतिष्ठान बंद पाया गया. ऐसे में इन सप्लायरों के यहां जांच नहीं हो पायी.
अॉर्थोपेडिक इंप्लांट के लेबल पर एमआरपी अंकित नहीं पाया गया
मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की जगह पर एफडीए नंबर अंकित पाया गया
इंप्लांट के लेबल के अभिलेख में छेड़छाड़ पाया गया.
अस्पतालों को इंप्लांट के आपूर्ति का अभिलेख मांगे जाने पर कुछ बिल ही प्रस्तुत किया गया
क्रय व विक्रय अभिलेख में बैच नंबर व एमआरपी अंकित नहीं पाये गये
छह माह का विक्रय अभिलेख मांगे जाने पर प्रस्तुत नहीं किया गया
अस्पतालों को दिये गये इंप्लांट का कच्चा बिल व कार्बन कॉपी प्रस्तुत की गयी
क्रय अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया.
निर्माता कंपनी का फाॅर्म 5 व मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की प्रति उपलब्ध नहीं कराया गया
समय देने के बावजूद अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया.
निर्माता कंपनी का फाॅर्म 5 व मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी
बिना बिल कई अस्पतालों को इंप्लांट की आपूर्ति की जाती है.
इंप्लांट इंडो बटन 20 एएमएम के एमआरपी में अंतर पाया गया
इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों को अलग-अलग दर पर सप्लाई.
निर्माता कंपनी का फाॅर्म 5 व मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी
29 अक्तूबर 2016 को एक इंप्लांट मेदांता को 69,721 रुपये मेें, जबकि वही इंप्लांट मेदांता काे ही 91,203 रुपये में दिया गया
क्रय विपत्र की मांग कई दिनों तक करने के बावजूद सप्लायर द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया.