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खुलासा: सप्लायर भी अस्पतालों काे लाभ पहुंचाने के लिए करते हैं गड़बड़ी

रांची: जांच के क्रम में पाया गया कि सप्लयारों के पास उपलब्ध इंप्लांट के लेबल पर एमआरपी अंकित नहीं थी. टीम ने मेसर्स स्पार्क सर्जिकल के यहां जांच की. जांच में यह पाया गया कि इंप्लांट में मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस नंबर के स्थान पर एफडीए नंबर अंकित है. लेबल के इंसक्रिप्सन (अभिलेख) के साथ छेड़छाड़ की […]

रांची: जांच के क्रम में पाया गया कि सप्लयारों के पास उपलब्ध इंप्लांट के लेबल पर एमआरपी अंकित नहीं थी. टीम ने मेसर्स स्पार्क सर्जिकल के यहां जांच की. जांच में यह पाया गया कि इंप्लांट में मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस नंबर के स्थान पर एफडीए नंबर अंकित है. लेबल के इंसक्रिप्सन (अभिलेख) के साथ छेड़छाड़ की गयी है.

जांच टीम ने दोे गवाहों के समक्ष इंप्लांट को जब्त किया है. टीम ने राज्य औषधि निदेशालय को सौंपी अपनी रिपोर्ट में यह उल्लेख किया है. इसके अलावा कई सप्लायरों के यहां जांच टीम कई बार गयी, लेकिन प्रतिष्ठान बंद पाया गया. ऐसे में इन सप्लायरों के यहां जांच नहीं हो पायी.

बिल नहीं दिखाया
जांच टीम ने कई सप्लायरों से खरीद-बिक्री का बिल प्रस्तुत करने को कहा़, लेकिन उन्होंने कागजात प्रस्तुत नहीं किये. सप्लायरों से प्रोस्थेटिक रिप्लेसमेंट एवं बोन सीमेंट के निर्माता कंपनियों द्वारा जारी फाॅर्म 5 भी मांगा, लेकिन वे कागजात प्रस्तुत नहीं कर पाये. जांच टीम ने अपनी रिपोर्ट में इसका जिक्र किया है.
किस सप्लायर के यहां क्या गड़बड़ी
मेसर्स स्पार्क सर्जिकल
(14 फरवरी को जांच)
एक ही प्रकार के इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों को अलग-अलग दर पर सप्लाई
अॉर्थोपेडिक इंप्लांट के लेबल पर एमआरपी अंकित नहीं पाया गया
मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की जगह पर एफडीए नंबर अंकित पाया गया
इंप्लांट के लेबल के अभिलेख में छेड़छाड़ पाया गया.
मेसर्स अग्रवाल सर्जिकल (खेतान कांप्लेक्स)
(15 फरवरी को जांच)
एक ही प्रकार के इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों को अलग-अलग दर पर सप्लाई
अस्पतालों को इंप्लांट के आपूर्ति का अभिलेख मांगे जाने पर कुछ बिल ही प्रस्तुत किया गया
क्रय व विक्रय अभिलेख में बैच नंबर व एमआरपी अंकित नहीं पाये गये
छह माह का विक्रय अभिलेख मांगे जाने पर प्रस्तुत नहीं किया गया
अस्पतालों को दिये गये इंप्लांट का कच्चा बिल व कार्बन कॉपी प्रस्तुत की गयी
क्रय अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया.
मेसर्स अॉर्थोप्वाइंट
(16 फरवरी को जांच)
एक ही प्रकार के इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों को अलग-अलग दर पर सप्लाई
निर्माता कंपनी का फाॅर्म 5 व मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की प्रति उपलब्ध नहीं कराया गया
समय देने के बावजूद अभिलेख प्रस्तुत नहीं किया गया.
मेसर्स सुधीर सर्जिकल
(18 फरवरी को जांच)
एक ही प्रकार के इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों को अलग-अलग दर पर सप्लाई
निर्माता कंपनी का फाॅर्म 5 व मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी
बिना बिल कई अस्पतालों को इंप्लांट की आपूर्ति की जाती है.
मेसर्स आयुष फार्मा
(18 फरवरी को हुई जांच)
मेडिका व आर्किड को विक्रय प्रपत्र व क्रेडिट नोट से इंप्लांट की सप्लाई की गयी
इंप्लांट इंडो बटन 20 एएमएम के एमआरपी में अंतर पाया गया
इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों को अलग-अलग दर पर सप्लाई.
मेसर्स अवनी मेडी एड
(21 फरवरी को जांच)
एक ही प्रकार के इंप्लांट का अलग-अलग अस्पतालों
को अलग-अलग दर पर सप्लाई
निर्माता कंपनी का फाॅर्म 5 व मैन्यूफैक्चरिंग लाइसेंस की प्रति उपलब्ध नहीं करायी गयी
29 अक्तूबर 2016 को एक इंप्लांट मेदांता को 69,721 रुपये मेें, जबकि वही इंप्लांट मेदांता काे ही 91,203 रुपये में दिया गया
क्रय विपत्र की मांग कई दिनों तक करने के बावजूद सप्लायर द्वारा अभिलेख उपलब्ध नहीं कराया गया.

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