जनता दरबार. जेपीएससी के असफल अभ्यर्थियों से मंत्री ने कहा
रांची : भू-राजस्व व कला संस्कृति मंत्री अमर बाउरी ने कहा है कि झारखंड लोक सेवा आयोग (जेपीएससी) हमेशा विवादों में रही है. इसकी छवि सुधारना नये जेपीएससी अध्यक्ष के विद्यासागर के लिए चुनौती है. वह सुलझे हुए अफसर रहे हैं. उनसे युवाओं को ढेरों उम्मीदें हैं. श्री बाउरी शुक्रवार को भाजपा प्रदेश कार्यालय में लगाये गये जनता दरबार के बाद मीडिया से बातचीत कर रहे थे.
इससे पहले जेपीएससी के असफल अभ्यर्थियों ने जनता दरबार में आकर मंत्री के पास अपनी बातें रखी. श्री बाउरी ने युवाओं से कहा : छठी जेपीएससी पीटी रिजल्ट की बातें सरकार के संज्ञान में हैं. मुख्यमंत्री से इस मसले पर छात्रों से बातें हुई हैं. वह मामले पर पैनी नजर रखे हुए हैं. मैं खुद मुख्यमंत्री और आयोग के अध्यक्ष से बात करूंगा. यह जानने की कोशिश की जायेगी कि इस मसले पर सत्यता कितनी है. जो कमी है, उसे दूर की जायेगी. जेपीएससी द्वारा निकाले गये विज्ञापन और सरकार के संकल्प में अगर भिन्नता है, तो सुधार किया जायेगा.
जेपीएससी और सरकार के आदेश में है फर्क : भाजपा प्रदेश कार्यालय में लगाये गये जनता दरबार में छठी जेपीएससी के दर्जनों असफल अभ्यर्थियों ने मंत्री से कहा : सरकार और जेपीएससी के आदेश में काफी फर्क है. राज्य सरकार के आदेश के अनुसार रिक्ति का 15 गुना रिजल्ट दिया जाना है, जबकि जेपीएससी ने कोटिवार रिजल्ट जारी किया. पीटी में आरक्षण के नियमों का भी पालन नहीं किया गया. 130 नंबर लाने वाले बाहर हो गये. 100 नंबर लाने वाले पास हो गये. जेपीएससी ने कट ऑफ मार्क्स भी जारी नहीं किया. न ही ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी ही दी. सरकार का आदेश है कि ओएमआर शीट की कार्बन कॉपी अभ्यर्थियों को देना जरूरी है.
बेड़ो से आये चामा लोहरा और जुगल चीक बड़ाईक ने कहा कि धनेवर साहू, तुलसी साहू, संजीत साहू और महादेव साहू ने गलत आरोप लगा कर हम दोनों को जेल भिजवा दिया. 10 दिन बाद जब हम जेल से बाहर आये, तो मेरी जमीन पर कब्जा कर लिया गया था. मंत्री ने आश्वासन दिया कि इसकी जांच करायी जायेगी. भाजपा महिला मोरचा की प्रदेश मीडिया प्रभारी मंजूलता ने कहा कि पूर्व वन मंत्री मधु सिंह के समय कुछ लोगों को वन भूमि पर बसाया गया था. अब वहां बसे गरीब लोगों को हटाया जा रहा है. रसूख वाले लोगों को कुछ नहीं कहा जा रहा है. मंत्री ने कहा कि इसकी जांच करायी जायेगी.
हत्या, मारपीट मामले की आयी शिकायत
धनबाद से आये अविनाश कुमार ने मंत्री से कहा कि मेरे भाई संदीप कुमार वर्मा की हत्या आठ नवंबर 2016 को हो गयी थी. अब तक आरोपी पकड़े नहीं गये हैं. कोई कार्रवाई नहीं हुई है. जामताड़ा से आये मकसूद आलम ने कहा कि गांववालों ने मेरे साथ मारपीट की. जब थाने में केस करने गया, तो उल्टे थाना में मुझे बांध कर पीटा गया. मंत्री ने दोनों ही मामलों में पुलिस अधीक्षक से मिलने की सलाह दी.