रांची : ऑल चर्चेज कमेटी ने सीएनटी व एसपीटी एक्ट में संशोधन के विरोध में कार्डिनल तेलेस्फोर पी टोप्पो के राज्यपाल द्रौपदी मुरमू से मिलने और इस पर विभिन्न संगठनों द्वारा विरोध पर अपनी आपत्ति दर्ज की है़ शुक्रवार को वाइएमसीए में आयोजित संवाददाता सम्मेलन में फादर जेवियर सोरेंग, बिशप अमृत जय एक्का, रेव्ह सन्नी डाहंगा ने कहा कि आज अभिव्यक्ति की आजादी पर सवाल उठाये जा रहे है़ं समस्याओं पर बात रखने काे गुनाह बताया जा रहा है़
उस मुलाकात पर कई संगठनों ने आपत्ति जतायी, तो कई ने कार्डिनल का पुतला भी फूंका है़ हम ऐसे विरोध की निंदा करते हैं, क्योंकि देश में अभिव्यक्ति और अंत:करण की आजादी है़ यदि कार्डिनल ने संशोधनों को आदिवासियों के लिए अहितकर कहा है, तो क्या गलत कहा? यदि संशोधन से जमीन के हस्तांतरण का सरलीकरण होता है, तो यह सरलीकरण किसके लिए है? कार्डिनल पहले आदिवासी हैं और इसके बाद ही धर्मगुरु़ कमेटी उन सभी संगठनों व लोगों के प्रति आभार जताती है, जिन्होंने कार्डिनल की पहल का स्वागत किया है़
उन्होंने कहा कि चर्च पर ईसाईकरण, धर्मांतरण, जमीन लूट जैसे आरोप बेबुनियाद है़ं ऐसे आरोप आदिवासियों को बांटने के लिए लगाये जा रहे है़ं स्थानीय चर्च एक आदिवासी चर्च है और हमेशा आदिवासी अधिकार व आदिवासियत का पक्षधर रहा है़ राज्य में शिक्षा, स्वास्थ्य, सामाजिक, सांस्कृतिक व आर्थिक विकास के क्षेत्र में इसके योगदान को दरकिनार करना चिंताजनक है़ महाराष्ट्र सरकार ने अनुसूचित क्षेत्रों में आदिवासी जमीन के हस्तांतरण पर रोक लगायी है. वहीं दूसरी ओर झारखंड सरकार सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन लाकर विकास के नाम पर आदिवासी जमीन के हस्तांतरण का विस्तार कर रही है़ इस संशोधन में आदिवासियों व मूलवासियों को उजाड़ने व बेदखल करने की साजिश है़ उन्होंने कहा कि इस मुद्दे पर जल्द ही एक प्रतिनिधिमंडल राज्यपाल से मिलेगा़ सरहुल पर ऑल चर्चेज कमेटी द्वारा विभिन्न जगहों पर स्वागत शिविर लगाये जायेंगे़ संवाददाता सम्मेलन में राजकुमार नागवंशी, रेव्ह टीएस सिरिल हंस, रोमोला मंजुला होरो, सिस्टर जेम्मा, बासिल किड़ो व अन्य मौजूद थे़