नियुक्ति में काउंसलिंग के समय से ही अभ्यर्थी फरजी प्रमाण पत्र के साथ पकड़े जा रहे हैं. नियुक्ति के बाद प्रमाण पत्रों की जांच में अब तक लगभग 300 नवनियुक्त शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी पाया गया है. कई जिलों में इन शिक्षकों की सेवा समाप्त कर दी गयी है, जबकि कुछ जिलों में इसकी प्रक्रिया चल रही है. फरजी प्रमाण पत्र पर नियुक्त शिक्षक लगभग साल भर से अधिक समय तक स्कूल में पढ़ाते भी रहे. फरजी प्रमाण पत्र के आधार पर सबसे अधिक 144 शिक्षकों की नियुक्ति धनबाद में हुई थी. सभी शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा का प्रमाण पत्र फरजी था.
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स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता सचिव ने गृह सचिव को लिखा पत्र, शिक्षक नियुक्ति फरजीवाड़े की करायें सीआइडी जांच
रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति में फरजीवाड़े की सीआइडी जांच हाे सकती है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने गृह सचिव को पत्र लिखा है. शिक्षा सचिव ने गृह सचिव को पत्र लिख मामले की जांच का आग्रह किया है. राज्य में वर्ष 2015-16 में प्राथमिक […]
रांची: राज्य के प्राथमिक व मध्य विद्यालय में शिक्षक नियुक्ति में फरजीवाड़े की सीआइडी जांच हाे सकती है. स्कूली शिक्षा एवं साक्षरता विभाग की सचिव आराधना पटनायक ने गृह सचिव को पत्र लिखा है. शिक्षा सचिव ने गृह सचिव को पत्र लिख मामले की जांच का आग्रह किया है. राज्य में वर्ष 2015-16 में प्राथमिक व मध्य विद्यालय में 12 हजार शिक्षकों की नियुक्ति हुई है.
इसके अलावा जामताड़ा में दस, देवघर में छह व बोकारो में पांच शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी पाया गया है. इसके अलावा अन्य जिलों में भी कुछ नवनियुक्त शिक्षकों का प्रमाण पत्र फरजी पाया गया है. झारखंड एकेडमिक काउंसिल में टेट के प्रमाण पत्रों के जांच की प्रक्रिया चल रही है. शिक्षक नियुक्ति में पारा शिक्षकों की नियुक्ति में भी गड़बड़ी का मामला सामने आया है. विभिन्न जिलों में नियम की अनदेखी कर पारा शिक्षक को गैर पारा शिक्षक कोटि में नियुक्त कर दिया गया.
50 हजार में बनाया था प्रमाण पत्र
शिक्षक नियुक्ति की काउंसलिंग के दौरान भी 100 से अधिक अभ्यर्थी फरजी प्रमाण पत्र के साथ पकड़े गये थे. इनमें अधिकतर ने पूछताछ में खुलासा किया था कि उनका फरजी प्रमाण पत्र सतगावां (कोडरमा) के अयोध्या पांडेय ने बनाया था. इसके बाद पिछले वर्ष नवंबर में अयोध्या पांडेय के खिलाफ गिरिडीह टाउन थाने में प्राथमिकी दर्ज हुई थी, पर आठ माह बाद भी पुलिस उसे पकड़ नहीं पायी. हालांकि गिरिडीह स्थित उसके घर को कुर्क जरूर किया गया. फरजी प्रमाण पत्रों के साथ पकड़े गये अधिकतर अभ्यर्थी कोडरमा के गांवा व गिरिडीह के जमुआ के थे. इसके अलावा बिहार के कई जिलों के अभ्यर्थी भी फरजी प्रमाण पत्र के साथ पकड़े गये थे. अभ्यर्थियों ने बताया था कि प्रमाण पत्र बनाने के लिए 20 से 50 हजार रुपये तक लेता था.
प्रमाण पत्र सत्यापन में भी फरजीवाड़ा
शिक्षक पात्रता परीक्षा के फरजी प्रमाण पत्र का सत्यापन कराने के लिए भी गिरोह सक्रिय है. धनबाद के नवनियुक्त शिक्षकों के 144 प्रमाण पत्र का फरजी सत्यापन कर दिया गया था. सभी प्रमाण पत्र को सही बता रिपोर्ट जिला को भेज दी गयी थी. इस मामले में जैक के एक कर्मचारी की सेवा भी समाप्त की गयी है.
कौन है अयोध्या पांडेय?
अयोध्या पांडेय मूल रूप से कोडरमा के सतगावां का रहनेवाला है़ कोडरमा स्थित उसके पैतृक आवास पर ताला बंद रहता है़ वह अपने पूरे परिवार के साथ गिरिडीह में रहता है. फरजी प्रमाण पत्र बनाने के गिरोह का सरगना अयोध्या पांडेय कोडरमा में एक संस्कृत स्कूल चलाता था़ झारखंड गठन के बाद स्कूल की मान्यता समाप्त हो गयी. गिरिडीह शिफ्ट होने के बाद उसने अपने घर में एक निजी स्कूल चलाना शुरू किया. स्कूल से विद्यार्थियों को परीक्षा में शामिल कराने का काम करता था. इसके बाद उसने फरजी प्रमाण पत्र बनाने का काम शुरू कर दिया.
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