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मामला विधानसभा में नियुक्ति-प्रोन्नति का विक्रमादित्य आयोग ने की पड़ताल, देवघर विद्यापीठ की डिग्रियां जांच के दायरे में
रांची: देवघर हिंदी विद्यापीठ की डिग्रियों के आधार पर विधानसभा में हुई नियुक्तियां जांच के दायरे में हैं. विधानसभा में 30 से ज्यादा लोगों ने विद्यापीठ के प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की है़ विधानसभा में विद्यापीठ की डिग्रियां हासिल कर बड़े पैमाने पर अनुसेवक बहाल हुए है़ं. पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम […]
रांची: देवघर हिंदी विद्यापीठ की डिग्रियों के आधार पर विधानसभा में हुई नियुक्तियां जांच के दायरे में हैं. विधानसभा में 30 से ज्यादा लोगों ने विद्यापीठ के प्रमाण पत्रों के आधार पर नौकरी हासिल की है़ विधानसभा में विद्यापीठ की डिग्रियां हासिल कर बड़े पैमाने पर अनुसेवक बहाल हुए है़ं.
पूर्व विधानसभा अध्यक्ष आलमगीर आलम के कार्यकाल में 150 अनुसेवकों की बहाली हुई थी़ विधानसभा में नियुक्ति के लिए मैट्रिक, इंटरमीडिएट और स्नातक स्तर की डिग्रियां विद्यापीठ से हासिल की गयी थी़ं सूचना के मुताबिक कई विधानसभा कर्मी प्रोन्नति हासिल कर अवर सचिव स्तर तक पहुंच चुके है़ं विक्रमादित्य आयोग ने इन डिग्रियों की पड़ताल की है़ आयोग ने देवघर विद्यापीठ से संपर्क साध कर डिग्रियों की प्रमाणिकता की जांच की है़ सूचना के मुताबिक देवघर विद्यापीठ के प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्ति की योग्यता हासिल करने वालों को नोटिस भी भेजा जा रहा है़ विधानसभा सूत्रों के अनुसार, कई लोगों आयोग ने पत्र भेजा है़.
26 जून 2014 से विद्यापीठ की मान्यता रद्द : देवघर हिंदी विद्यापीठ की मान्यता 26 जून 2014 से रद्द कर दी गयी है़ राज्य सरकार ने इससे संबंधित निर्णय लिया. इससे संबंधित अधिसूचना कार्मिक विभाग ने जारी की थी़ कार्मिक ने कहा था कि इस प्रमाण पत्र के आधार पर राज्य सरकार में नौकरी पानेवालों को प्रोमोशन नहीं मिलेगा. उस समय सरकार ने कहा था कि इस बात भी जांच की जायेगी कि देवघर विद्यापीठ के प्रमाण पत्र के आधार पर कर्मी कहां-कहां नौकरी कर रहे हैं. उल्लेखनीय है कि सरकार के स्तर पर भी सूचना थी कि देवघर विद्यापीठ से मिलने वाली डिग्रियां स्तरीय नहीं थी़ं परीक्षा में फरजीवाड़ा भी होता था़.
नियुक्त लोगों के ठिकानों की सत्यता की जांच : पैरवी-पहुंच वाले और राजनेताओं के करीबी बताये जा रहे लोगों के पता-ठिकानों की भी जांच की गयी है़ स्थानीय प्रशासन के सहयोग से आयोग ने ऐसे लोगों को चिह्नित कर उनके स्थायी पता की जांच की है़ राजनेताओं के सगे-संबंधियों के बारे में स्थायी पता की जानकारी आयोग की ओर से जुटायी गयी है. विधानसभा सूत्रों के अनुसार, कई लोगों के स्थायी पता से यह साबित हो रहा है कि वे राजनेताओें के सगे-संबंधी है़ं
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