मुख्यमंत्री ने समाज के लोगों से अाह्वान किया कि गरीबी को समाप्त करने के लिए शिक्षा पर विशेष ध्यान दें. सरकार की सोच है कि जनजाति के लोग भी सभी की बराबरी में आयें. मुख्यमंत्री शनिवार को झारखंड अगरिया असुर आदिम जनजाति विकास समिति झारखंड प्रदेश कमेटी द्वारा बीएयू झंडा मैदान में आयोजित द्वितीय झारखंड आदिम जनजाति महासम्मेलन के कार्यक्रम को संबोधित कर रहे थे. सम्मेलन का उदघाटन कल्याण मंत्री लुईस मरांडी, कार्मिक सचिव निधि खरे व बीएयू के कुलपति डॉ पी कौशल ने किया.
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आदिम जनजातियों की पुलिस में हाेगी सीधी नियुक्ति : सीएम
कांके: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की दुमका व खूंटी पुलिस मुख्यालय में सीधी भरती की जायेगी. एक अप्रैल से इन्हें डाक योजना के तहत घर में राशन भी मुहैया कराया जायेगा. आदिम जनजाति विलुप्त हो रही है, इसे मैंने गंभीरता से लिया है. इन्हें मुख्यधारा में लाने […]
कांके: मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा है कि आदिम जनजाति समुदाय के लोगों की दुमका व खूंटी पुलिस मुख्यालय में सीधी भरती की जायेगी. एक अप्रैल से इन्हें डाक योजना के तहत घर में राशन भी मुहैया कराया जायेगा. आदिम जनजाति विलुप्त हो रही है, इसे मैंने गंभीरता से लिया है. इन्हें मुख्यधारा में लाने के लिए दो वर्षों से कोशिश की जा रही है.
मुख्यमंत्री ने कहा कि महासम्मेलन से यह मंत्र लेकर जायें कि शिक्षा ही बीमारी का इलाज है. उन्होंने कहा कि कृषि विवि को पूरा सहयोग दिया जायेगा, ताकि कृषि तकनीक अपना कर किसानों की आय दोगुनी हो. मुख्यमंत्री ने बेटियों को पढ़ाने पर जोर दिया. कल्याण मंत्री लुईस मरांडी ने कहा कि राज्य में नौ तरह की आदिम जनजातियां हैं. जनजाति समुदाय सरकार द्वारा चलायी जा रही योजनाओं का लाभ उठायें. बेटे-बेटी में अंतर नहीं करके दोनों को समान रूप से शिक्षा दें. कार्मिक सचिव निधि खरे ने आदिम जनजातियों के लिए चलायी जा रही विकास योजनाओं के बारे में विस्तार से जानकारी दी. वहीं बीएयू कुलपति डॉ पी कौशल ने कहा कि आदिम जनजातियों के प्रशिक्षण के लिए विशेष कार्यक्रम का आयोजन किया जायेगा. स्वागत भाषण प्रदेश संयोजक डॉ मनोज कुमार अगरिया ने किया. महासम्मेलन में जनजाति समुदाय से संबंधित 10 बिंदुओं पर चर्चा की गयी. महासम्मेलन में प्रदेश अध्यक्ष राजेंद्र अगरिया, प्रदेश सचिव लालजी अगरिया, प्रदेश कोषाध्यक्ष सूरज अगरिया, प्रदेश महामंत्री मुरारी अगरिया ने भी विचार रखे. सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए कोडरमा, हजारीबाग, चतरा, रामगढ़, बोकारो, लातेहार, लोहरदगा, गुमला, पलामू, गढ़वा, गिरिडीह, धनबाद, दुमका, जामताड़ा व खूंटी से सैकड़ों की संख्या में लोग पहुंचे थे.
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