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एमएसएमइ: मेला सह वेंडर डेवलपमेंट मीट शुरू, बोले डीआरएम,गुणवत्ता और कीमत में प्रतिस्पर्द्धा करें कंपनियां

रांची: सीएमपीडीआइ के रवींद्र भवन में मध्यम एवं लघु उद्योगों का मेला लगाया गया है. एमएसएमइ डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, झारखंड ने कई कंपनियों के सहयोग से इसका आयोजन किया है. इसमें देश के कई राज्यों के 74 स्टॉल लगाये गये हैं. इसका उदघाटन सोमवार को साउथ-इस्टर्न रेलवे के डीआरएम एसके अग्रवाल ने किया. उन्होंने कहा कि […]

रांची: सीएमपीडीआइ के रवींद्र भवन में मध्यम एवं लघु उद्योगों का मेला लगाया गया है. एमएसएमइ डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट, झारखंड ने कई कंपनियों के सहयोग से इसका आयोजन किया है. इसमें देश के कई राज्यों के 74 स्टॉल लगाये गये हैं. इसका उदघाटन सोमवार को साउथ-इस्टर्न रेलवे के डीआरएम एसके अग्रवाल ने किया.

उन्होंने कहा कि रेलवे सात से आठ फीसदी काम एमएसएमइ (मध्यम एवं लघु उद्योग) को दे रहा है. रेलवे के टेंडर में कंपनियों के हिस्सा नहीं लेने के कारण यह प्रतिशत नहीं बढ़ पा रहा है. झारखंड की कंपनियों को चाहिए कि अपने उत्पादों का गुणवत्ता बनाये रखे. गुणवत्ता और राशि में कंपनियों को प्रतियोगी रहना होगा. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया के सीजीएम पैट्रिक बारला ने कहा कि बैंकों में लघु एवं मध्यम उद्योगों को बढ़ावा देने के लिए कई योजना है. देश के विकास में एमएसएमइ सेक्टर का महत्वपूर्ण योगदान है.

अधिकारियों और व्यवसायियों के बीच अच्छा तालमेल होना चाहिए. डीजीएसएंडडी के निदेशक आपूर्ति एनके मादी ने कहा कि भारत सरकार ने ई-मार्केट प्लेस लाया है. इससे सरकारी संस्थाएं ई-मार्केटिंग भी कर सकती है. इसके लिए एक साइट विकसित की गयी है. इसमें एक लाख उत्पादों की सूची दाम के साथ है. व्यापारी भी अपना उत्पाद इसमें लिस्टिंग करा सकते हैं.


सीसीएल के जीएम पीके सिन्हा ने कहा कि कंपनी कुछ तकनीकी कारणों से एमएसएमइ को 20 फीसदी काम नहीं दे पाती है. सीपीडब्ल्यूडी के कार्यपालक अभियंता मनोज कुमार ने कहा कि बिल्डिंग मैटेरियल में कई ऐसी चीजें हैं, जो आज भी झारखंड में नहीं बन रही है. इस कारण सरकारी काम कराने वाले ठेकेदारों को दूसरे राज्यों से उत्पाद मंगाना पड़ता है. यहां आइएसआइ मार्का वाले स्टील विंडों का निर्माण नहीं होता है. पीवीआर टाइल्स भी दूसरे राज्यों से मंगाया जा रहा है. झारखंड के उद्यमी इस क्षेत्र में काम कर सकते हैं जेसिया के अध्यक्ष वाइके ओझा ने कहा कि ग्लोबल मंदी के कारण एमएसएमइ सेक्टर परेशानी में है. झारखंड में पिछले दो साल में कई नीतियां बनी हैं.

इसका फायदा अभी यहां के उद्यमियों को नहीं मिल रहा है. आनेवाले समय में इसका फायदा मिलने की उम्मीद है. एमएसएमइ डेवलपमेंट इंस्टीट्यूट के निदेशक आरके कपूर ने कहा कि यह पीएसयू और स्मॉल स्केल उद्यमियों को एक मंच पर लाने का प्रयास है. यहां उद्योग के नये आयाम खोले जा सकते हैं. कार्यक्रम का संचालन नीतू तथा स्वागत भाषण सहायक निदेशक सुभाष इंदवार ने किया.

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