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कृषि उपकरणों से मजदूरों की कमी दूर हाे सकती है : चाैधरी

रांची/कांके: राज्य के कृषि निदेशक जटा शंकर चौधरी ने कहा है कि खेती-बारी में कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से समय, श्रम और लागत की बचत होती है. वर्तमान समय में कृषि मजदूरों की कमी हो रही है, जिससे खेती में मुश्किलें आ रही हैं. इस कमी को कृषि यंत्र एवं उपकरणों के इस्तेमाल से दूर […]

रांची/कांके: राज्य के कृषि निदेशक जटा शंकर चौधरी ने कहा है कि खेती-बारी में कृषि यंत्रों के इस्तेमाल से समय, श्रम और लागत की बचत होती है. वर्तमान समय में कृषि मजदूरों की कमी हो रही है, जिससे खेती में मुश्किलें आ रही हैं. इस कमी को कृषि यंत्र एवं उपकरणों के इस्तेमाल से दूर किया जा सकता है. कृषि क्षेत्र का रकबा भी बढ़ाया जा सकता है.
श्री चौधरी शुक्रवार को बिरसा कृषि विवि में राज्य के किसानों को कृषि इंजीनियरिंग की तकनीक व लाभों से अवगत कराने के उद्देश्य से आयोजित तकनीकी एवं मशीनरी मेला का उदघाटन कर रहे थे. इसका आयोजन विवि के कृषि अभियंत्रण विभाग, आइसीएआर की अखिल भारतीय समन्वित अनुसंधान परियोजनाओं तथा केंद्रीय कृषि मंत्रालय द्वारा वित्त पोषित सुनियोजित कृषि प्रणाली विकास केंद्र द्वारा संयुक्त रूप से किया गया. निदेशक श्री चौधरी ने कहा कि यंत्रों के इस्तेमाल से कृषि कार्य समय पर, शीघ्रता से और एकरूपता से संपन्न होता है. झारखंड की 38 लाख हेक्टेयर कृषि योग्य भूमि में से मात्र 26-28 लाख हेक्टेयर भूमि में ही खेती हो पाती है. शेष भूमि में फसल आच्छादन में कृषि यंत्र व उपकरणों की महत्वपूर्ण भूमिका होगी. विशेषकर दलहनी व तेलहनी फसलों का क्षेत्र बढ़ाया जा सकता है.
राज्य के भूमि संरक्षण निदेशक फणींद्र नाथ त्रिपाठी ने कहा कि बेहतर उत्पादन व आमदनी के लिए यंत्रीकरण आवश्यक है. महिला समूहों के लिए राज्य में एक हजार कृषि उपकरण बैंक स्थापित करने का लक्ष्य रखा गया है. जिसके तहत महिला समूहों को ऐसा बैंक स्थापित करने के लिए प्रति बैंक दो लाख रुपये तक का अनुदान दिया जा रहा है. अब तक 298 ऐसे बैंकों की स्थापना की जा चुकी है. इसी प्रकार सिंचाई के लिए पंप सेट व पाइप के लिए बीस हजार किसानों को प्रति किसान तीस हजार रुपये तक का अनुदान प्रस्तावित है. विवि के कृषि डीन डॉ राघव ठाकुर ने सामयिक कृषि अॉपरेशन में यंत्रों के महत्व तथा निदेशक (बीज एवं प्रक्षेत्र) डा ऋषि पाल सिंह ने गुणवत्तायुक्त बीज के महत्व पर प्रकाश डाला. विभाग के वैज्ञानिक उत्तम कुमार, वीरेंद्र उरांव, इरफान अहमद अंसारी, प्रमोद राय, एसके पांडेय व मिंटू जॉब ने किसानों को कृषि यंत्रों की उपयोगिता, क्षमता, लागत तथा संचालन तकनीक से अवगत कराया. मेला में रांची, खूंटी, गुमला, रामगढ़, हजारीबाग आदि जिलों के 500 से अधिक किसानों ने भाग लिया. कार्यक्रम में डॉ ए वदूद, डॉ सोहन राम, डॉ एनके कुदादा, डॉ बीके अग्रवाल, डॉ रमेश कुमार, डॉ निभा बाड़ा, शशांक भारद्वाज सहित कई लोग उपस्थित थे.

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