परीक्षार्थी प्रति वर्ष इन विषयों से इंटर की परीक्षा में शामिल होते हैं. परीक्षा में पास भी होते हैं, पर विद्यालयों में इन विषयों की पढ़ाई के लिए शिक्षक नहीं हैं. प्लस-टू स्कूल के अलावा इंटर कॉलेजों में भी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों के द्वितीय पद नहीं हैं. झारखंड एकेडमिक काउंसिल द्वारा वर्ष 2009 में द्वितीय पद के लिए प्रस्ताव मानव संसाधन विकास विभाग को भेजा गया था, लेकिन विभाग द्वारा इसे आज तक स्वीकृत नहीं किया गया.
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प्लस-टू स्कूल में बिना शिक्षक के जनजातीय भाषा की पढ़ाई
रांची: राज्य के प्लस-टू उच्च विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षक नहीं है, जबकि इंटरमीडिएट स्तर पर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई होती है. राज्य में 230 प्लस-टू उच्च विद्यालय हैं. विद्यालयों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों के पद तक सृजित नहीं किये गये हैं. राज्य में 59 प्लस-टू उच्च विद्यालय एकीकृत […]
रांची: राज्य के प्लस-टू उच्च विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षक नहीं है, जबकि इंटरमीडिएट स्तर पर जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की पढ़ाई होती है. राज्य में 230 प्लस-टू उच्च विद्यालय हैं. विद्यालयों में जनजातीय भाषा के शिक्षकों के पद तक सृजित नहीं किये गये हैं. राज्य में 59 प्लस-टू उच्च विद्यालय एकीकृत बिहार के समय के हैं, जबकि 171 विद्यालय राज्य गठन के बाद प्लस-टू में अपग्रेड किये गये हैं. स्कूलों में हो, मुंडारी, संताली, उरांव, पंचपरगनिया, नागपुरी, कुरमाली व खोरठा की पढ़ाई होती है़.
11 विषय के शिक्षकों के सृजित हैं पद
प्लस-टू उच्च विद्यालय में 11 विषय के शिक्षकों के पद सृजित किये गये हैं, जबकि इंटर स्तर पर 26 विषयों की पढ़ाई होती है. राज्य में काफी दिनों से प्लस-टू हाइस्कूल में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों के पद सृजित करने की मांग की जा रही है. पूर्व शिक्षा मंत्री गीताश्री उरांव ने विद्यालयों में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा में शिक्षकों का पद सृजित स्वीकृति करने की प्रक्रिया शुरू करने को कहा था. इस संबंध में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी.
हाइस्कूल में भी शिक्षकों की कमी
हाइस्कूल में भी जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की कमी है. अब तक मात्र राजकीयकृत व अपग्रेड उवि में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा विषय में शिक्षक की नियुक्ति हुई है़ राज्य में लगभग 1300 अपग्रेड उवि है, इसमें मात्र 338 अपग्रेड उवि में जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा के शिक्षकों की नियुक्ति हुई है़ राजकीय व प्रोजेक्ट विद्यालय में जनजातीय भाषा के शिक्षकों के पद नहीं हैं. हाइस्कूल में 18000 शिक्षकों की नियुक्ति होनी है. इसमें जनजातीय व क्षेत्रीय भाषा की भी पढ़ाई होगी.
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