रांची: हरियाणा के फरीदाबाद में बुधवार से शुरू हुए 31 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में झारखंडी संस्कृति की अनुपम छटा दिखा रही है. इस वर्ष मेले का थीम राज्य झारखंड है. मेला के मुख्य चौपाल के पास मलूटी मंदिर का स्थायी ढांचा बनाया है. भगवान बिरसा की विशाल प्रतिमा लगायी गयी है. मेले के […]
रांची: हरियाणा के फरीदाबाद में बुधवार से शुरू हुए 31 वें सूरजकुंड अंतरराष्ट्रीय शिल्प मेला में झारखंडी संस्कृति की अनुपम छटा दिखा रही है. इस वर्ष मेले का थीम राज्य झारखंड है. मेला के मुख्य चौपाल के पास मलूटी मंदिर का स्थायी ढांचा बनाया है. भगवान बिरसा की विशाल प्रतिमा लगायी गयी है. मेले के सभी चार प्रवेश द्वारों पर झारखंड की संस्कृति को प्रदर्शित करने के लिए अस्थायी द्वार बनाये गये हैं.
मेला के 15 दिनों की अवधि में झारखंड के करीब 300 कलाकार छऊ, खैरा, करसा, पाइका जैसी लोककलाओं व नृत्यों का प्रदर्शन करेंगे. दिल्ली में पर्यटन मंत्री अमर बाउरी, झारखंड के प्रधान स्थानीक आयुक्त डीके तिवारी और राज्य के पर्यटन सचिव राहुल शर्मा ने मेला के उदघाटन समारोह में हिस्सा लिया. उन्होंने बताया कि हरियाणा पर्यटन द्वारा आयोजित किये गये विश्वस्तरीय मेला राज्य के शिल्पकारों और कलाकारों के लिए बड़ा मौका है.
सभी अपना बेहतरीन देने का प्रयास कर रहे हैं. मेला से राज्य के पर्यटन को भी बढ़ावा मिलेगा. उन्होंने बताया कि मेला के समापन में राज्यपाल द्रौपदी मुरमू भी शामिल हो सकती हैं. मेला के दौरान 11 फरवरी को राज्य की थीम पर फैशन शो का आयोजन किया जायेगा.
खादी बोर्ड के13 स्टॉल
मेले में झारखंड खादी बोर्ड ने भी 13 स्टॉल लगाये हैं. इन स्टॉल में सिल्क की साड़ियां, बंडी, बांस के फर्नीचर, लाह के उत्पाद, डोकरा आर्ट, पत्थर के सामान आदि प्रदर्शित अौर बिक्री किये जा रहे हैं. गौरतलब है कि इस मेले में 22 देशों के लोगों ने अपने स्टॉल लगाये हैं. झारखंड खादी बोर्ड की अोर से सुमन पाठक, संजीव साहू सहित अन्य प्रतिनिधि वहां मौजूद हैं.