जिसके बाद मुख्यमंत्री की सहमति के बाद नौ जनवरी को गृह विभाग ने इससे संबंधित आदेश जारी किया. जिसमें राजीव जायसवाल को कुख्यात अपराधकर्मी बताया गया है. राजीव जायसवाल पहले आजसू में थे और वर्तमान में जेवीएम के नेता हैं. राजीव जायसवाल ने गृह विभाग को पत्र लिख कर अपना पक्ष रखा है. जिसमें उन्होंनेे कहा है कि वह कुख्यात असामाजिक तत्व या कुख्यात अपराधकर्मी नहीं हैं.
उन्होंने यह भी बताया है कि रामगढ़ की जिला सुरक्षा समिति ने वर्ष 2013 में उन्हें अंगरक्षक उपलब्ध कराया था. सितंबर 2015 तक उनके पास अंगरक्षक था. इस दौरान वह जिला के डीसी की अध्यक्षता में गठित निगरानी समिति, जिला परिषद, जिला स्तरीय बैंकर्स समिति में भाग लेते रहे. राजनीतिक कारणों से अब उन्हें कुख्यात अपराधकर्मी बताया जा रहा है.
इसके अलावा जिन मामलों को आधार बना कर सीसीए लगाया गया है, उसमें से कई मामलों में पुलिस ने ही उन्हें क्लीन चिट दिया है. पत्र के मुताबिक रामगढ़ थाना कांड संख्या-239/12, 312/13, 217/14 व 338/15 के अनुसंधान में पुलिस संबंधित घटना में राजीव जायसवाल की संलिप्तता नहीं पायी है. उल्लेखनीय है कि पुलिस ने सीसीए का जो प्रस्ताव तैयार किया है, उसमें गोला व रजरप्पा थाना में दर्ज तीन सनहा का भी जिक्र किया गया है. सनहा पुलिस पदाधिकारी के द्वारा दर्ज किया गया है, जिसमें राजीव जायसवाल के समर्थकों पर आइपीएल कंपनी के विरुद्ध ग्रामीणों को भड़काने का आरोप लगाया गया है. प्रस्ताव में कहा गया है कि राजीव जायसवाल के जेल से बाहर आने के बाद वह आइपीएल कंपनी व प्रशासन के खिलाफ जोरदार आंदोलन शुरू करेगा, जिससे विधि-व्यवस्था भंग हो सकती है.