Advertisement
सदन में हंगामा: वेल में घुसे रहे झामुमो विधायक, सरकार के खिलाफ की नारेबाजी, चार मिनट में सरकार ने निबटाया काम
रांची : विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को लगातार नौवें दिन भी बाधित रहा़ झामुमो सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ अड़ा रहा और सदन को नहीं चलने दिया. पहली पाली में प्रश्नकाल और मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के माध्यम से विधायकों के सवाल सदन मेें नहीं आये. इधर, शोरगुल व हो-हंगामा के बीच सरकार ने चार […]
रांची : विधानसभा का बजट सत्र सोमवार को लगातार नौवें दिन भी बाधित रहा़ झामुमो सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के खिलाफ अड़ा रहा और सदन को नहीं चलने दिया. पहली पाली में प्रश्नकाल और मुख्यमंत्री प्रश्नकाल के माध्यम से विधायकों के सवाल सदन मेें नहीं आये. इधर, शोरगुल व हो-हंगामा के बीच सरकार ने चार मिनट में अपना विधायी काम निबटा लिया. संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय ने दामोदर घाटी निगम व डीवीसी का वार्षिक प्रतिवेदन सदन के पटल पर रखा़ वहीं कृषि मंत्री रणधीर सिंह ने विभागीय अनुदान मांग रखी़ कृषि मंत्री ने 1800़ 36 करोड़ का विभागीय बजट सदन में पेश किया.
सुबह 11 बजे सदन की कार्यवाही शुरू होते ही झामुमो विधायकों ने सीएनटी-एसपीटी एक्ट मेें संशोधन के खिलाफ सदन मेें नारेबाजी शुरू कर दी़ झामुमो के विधायक वेल में आ गये और सरकार से संशोधन का प्रस्ताव वापस लेने की मांग करने लगे़ वेल में सरकार के खिलाफ नारेबाजी की़ इस दौरान स्पीकर दिनेश उरांव झामुमो विधायकों से अपनी सीट पर वापस जाने का आग्रह करते रहे, लेकिन झामुमो विधायक स्पीकर को सुनने के लिए तैयार नहीं थे़ सदन के अंदर अव्यवसथा बनी रही़ 11़ 05 बजे स्पीकर ने सदन की कार्यवाही 12़ 45 तक के लिए स्थगित कर दी़ दोबारा जब सदन की कार्यवाही शुरू हुई, तो झामुमो विधायक फिर वेल में घुस गये और सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे. इस बीच स्पीकर ने विभागीय मंत्रियों को सदन में बजट और प्रतिवेदन रखने का निर्देश दिया. दूसरी पाली में अनुदान मांग पर कटौती प्रस्ताव पर चर्चा हुई़ इस पर झामुमो विधायकों ने सदन का बहिष्कार किया़.
इन विभागों की अनुदान मांग रखी गयी : वन-पर्यावरण, जल संसाधन, पेयजल स्वच्छता और खाद्य-आपूर्ति विभाग.
कब-कब स्थगित हुआ सदन
11: 05 बजे 12: 45 तक के लिए
12: 49 बजे दो बजे तक के लिए
गंजी व धोती पहन कर आये थे झामुमो विधायक
झामुमो विधायक सोमवार को किसान की वेश-भूषा सदन पहुंचे़ झामुमो विधायकों ने एक्ट में संशोधन को किसान विरोधी बताया़ किसानों के समर्थन में विधानसभा के बाहर और अंदर प्रदर्शन किया़ विधायक गमछा के साथ हरे रंग की पगड़ी लगा कर पहुंचे थे़ झामुमो विधायकों ने पहले सदन के बाहर प्रदर्शन किया़ विधानसभा के अंदर भी इसी ड्रेस में बैठे रहे़ सदन के अंदर हाथों में तख्तियां लिये थे़.
सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर बिफरे
झामुमो विधायकों द्वारा सदन की कार्यवाही बाधित किये जाने पर सत्ता पक्ष के मुख्य सचेतक राधाकृष्ण किशोर बिफर पड़े़ श्री किशोर ने कहा कि सदन में प्रश्नकाल चलने नहीं दिया जा रहा है़ जनता के ज्वलंत सवाल नहीं आ रहे है़ं एक तरफ सदन चलने नहीं दे रहे हैं, दूसरी आेर तनख्वाह भी ले रहे है़ं ऐसे में इन्हें तनख्वाह लेने का नैतिक अधिकार नहीं है़
सीएम बोले : सदन को बना दिया राजनीति का अखाड़ा
सीएनटी-एसपीटी एक्ट में संशोधन के मुद्दे पर बजट सत्र में सदन की कार्यवाही बाधित है़ विधानसभा में केवल हो-हल्ला हो रहा है़ सारे मुद्दे गौण है़ं विधायकों के सवाल नहीं आ रहे है़ं इधर, सदन के बाहर सियासी बयानबाजी चल रही है़ पक्ष-विपक्ष आमने-सामने है़ सोमवार को विधानसभा परिसर में विधायकों के लिए हेल्थ चेक अप कैंप लगाया गया था. इसमें मुख्यमंत्री रघुवर दास ने भी स्वास्थ्य जांच करायी़ इस मौके पर सीएम ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि छोटे दलों ने सदन को राजनीतिक अखाड़ा बना दिया है़ झामुमो पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि सीएनटी-एसपीटी एक्ट के मुद्दे पर झामुमो ने दो बार बंद बुलाया, लेकिन बंद का कोई असर नहीं दिखा़ बंद करा कर राज्य में हिंसा कराने की साजिश थी़ रांची से लेकर दुमका तक साजिश दिखी. दुमका में कॉलेज के छात्रों के माध्यम से हंगामा कराने की योजना थी़ सदन में विधायक चुन कर आते है़ं जनता और क्षेत्र के प्रति इनकी जवाबदेही होती है़ अगर वे अपनी जवाबदेही नहीं निभाते हैं, तो लोग चुनाव के समय जवाब मांगते है़ं मुख्यमंत्री ने कहा कि यही कारण है कि हर बार सदन में अधिकांश नये चेहरे दिखते है़ं इधर, प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने भी मुख्यमंत्री पर पलटवार करते हुए कहा कि विधानसभा को राजनीतिक अखाड़ा कहें, या फिर राजनीति का स्कूल. यह शब्दों के चयन का मामला है. सीएम जो चाहें, कहें. सरकार हमें डिक्टेट नहीं करे़ झामुमो अपनी राह जानता है़ किसी से सीखने की जरूरत नहीं है़.
इधर, विपक्ष में भी तकरार
सदन के बाहर विपक्षी दलों में भी तकरार दिखी. सीएनटी-एसपीटी के मुद्दे पर सदन में झामुमो का साथ (शोरगुल व हंगामा में) कांग्रेस व झाविमो के विधायक नहीं दे रहे हैं. कांग्रेस व झाविमो के विधायक सदन की कार्यवाही चलाना चाहते है़ं प्रश्नकाल मेें झामुमो से अलग हट कर भाग लेना चाहते है़ं वहीं प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन ने पत्रकारों से कहा कि हम ही असली विपक्ष है़ं सीएनटी-एसपीटी के मुद्दे पर कोई समझौता नहीं कर सकते है़ं हम जनता के साथ खड़े है़ं हम विपक्ष की सही भूमिका निभा रहे है़ं इधर, झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि झामुमो की सरकार से मिलीभगत चल रही है़ जानबूझ कर सदन की कार्यवाही बाधित की जा रही है़ वहीं झामुमो घमंड में है़ हेमंत सोरेन कहते हैं कि हम ही विपक्ष हैं, तो यह उनका गुरूर है़ सीएनटी-एसपीटी के मुद्दे को लेकर हम भी गंभीर है़ं हम लगातार जनता के बीच जा रहे है़ं जनता ही इसका फैसला करेगी़ सदन में सरकार हठधर्मिता दिखा रही है़
Prabhat Khabar App :
देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए
Advertisement