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अर्थव्यवस्था से टैक्स शब्द को खत्म कर देना चाहिए : इंद्रेश
आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक जीवन में अनुशासन का अंतरसंबंध विषय पर गोष्ठी रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यकारिणी के सदस्य सह फैंस के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुगलों के शासन में जनता पर जजिया कर लगाया गया. ब्रिटिश काल में इसने टैक्स के रूप में जन्म लिया. टैक्स शब्द अत्याचार और […]
आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक जीवन में अनुशासन का अंतरसंबंध विषय पर गोष्ठी
रांची : राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की कार्यकारिणी के सदस्य सह फैंस के मुख्य संरक्षक इंद्रेश कुमार ने कहा कि मुगलों के शासन में जनता पर जजिया कर लगाया गया. ब्रिटिश काल में इसने टैक्स के रूप में जन्म लिया. टैक्स शब्द अत्याचार और अन्याय का प्रतीक है. इस शब्द को अर्थव्यवस्था से खत्म कर देना चाहिए. इसकी जगह एक वेलफेयर कोष का गठन करना चाहिए. इससे देश में अच्छा संदेश जायेगा कि लोग राष्ट्र निर्माण के लिए राशि दे रहे हैं.
इसके लिए पूरे देश में अभियान चलाना चाहिए. श्री कुमार रविवार को राष्ट्रीय सुरक्षा जागरण मंच (फैंस) की ओर से मोरहाबादी स्थित सेंट्रल लाइब्रेरी में गोष्ठी को संबोधित कर रहे थे. आंतरिक सुरक्षा और सार्वजनिक जीवन में अनुशासन का अंतरसंबंध विषय पर बोलते हुए श्री कुमार ने कहा कि सफलता असफलता के पास खड़ी होती है.
हौसला से सफलता को प्राप्त किया जा सकता है. जब जीत के लिए प्रयास किया जाता है, तो हममें सदाचार और अनुशासन स्वत: आ जाता है. जब भी हम हराने के लिए जाते हैं, तो अनुशासन को तोड़ते हैं. सफलता और असफलता की दूरी को संस्कार और संस्कृति से पाटा जा सकता है. उन्होंने कहा कि हम मरने के लिए नहीं, खुद्दार जिंदगी जीने के लिए पैदा लिये हैं. इसके लिए हमें राष्ट्र को मजबूत बनना होगा. धर्म, जाति व क्षेत्रवाद में बंटवारे से अनुशासनहीनता जन्म लेती है.
नोट बदली में बंदूक नहीं गरजा, पत्थरबाजी रुक गयी : इंद्रेश कुमार ने कहा कि जिसे लोगों ने नोटबंदी कह रहे हैं, दरअसल उसे नोट बदली कहना चाहिए. नोट बदली के बाद एक अच्छा पहलू सामने उभर कर आया. पिछले 80 दिनों से कश्मीर में बंदूक डाउन है. पत्थर बाजी रुक गयी. लोगों का मरना बंद हो गया. यह सत्य सामने है.
उन्होंने कहा कि नोट बदली से 70 प्रतिशत पति-पत्नी की पारदर्शिता भी सामने आयी. पता चला कि वे पहले एक-दूसरे से झूठ बोलते थे. अगर इन रिश्तों में पारदर्शिता नहीं रहेगी, तो कैसे हम अपने बेटा-बेटी में अनुशासन ला पायेंगे.
देश में उच्च पदों पर बड़े लोग भ्रष्टाचार कर अपराध करते हैं
इंद्रेश कुमार ने कहा कि देश में आदत बन गयी है कि बिना कालाधन और बेइमानी के नहीं जीया जा सकता है. भ्रष्टाचार ऊपर से नीचे जाता है. देश में उच्च पदों पर बड़े लोग भ्रष्टाचार कर अपराध करते हैं. लोग इनको देख कर इसका अनुसरण कर बैठते हैं. आम आदमी के लिए काला धन की कोई जरूरत नहीं है. अगर वे अपने बच्चे के जन्म के समय से खाता खोल कर उसके हिस्से का पैसा जमा करें, तो उसके बड़ा होने तक काफी पैसा जमा हो जायेगा, जिसका वे इनके लिए इस्तेमाल कर सकते हैं.
समरसता का भाव लाना होगा : अर्जुन मुंडा
पूर्व मुख्यमंत्री अर्जुन मुंडा ने कहा कि देश में आंतरिक सुरक्षा चुनौती का विषय है. विश्व के अधिकतर देश इससे जूझ रहे हैं. फिलहाल जो दृश्य बन कर उभरा है, वह चिंता का विषय है.
लोकतंत्र के तीनों स्तंभों की टकराहट से स्थिति बदल जाती है. आंतरिक सुरक्षा व अनुशासन लाने के लिए हमें आर्थिक, सामाजिक और राजनीतिक दृष्टि से समरसता का भाव लाना होगा. इससे पहले वरिष्ठ पत्रकार अनुज कुमार सिन्हा ने विषय प्रवेश कराते हुए कहा कि प्रकृति, समाज व सरकार ने अनुशासन को लेकर सीमा तय की है. जब भी हम इसका उल्लंघन करते हैं, तो हमें इसका खामियाजा भुगतना पड़ता है. पहले की तुलना में वर्तमान समय में उद्दंडता बढ़ गयी है.
अंतरिक सुरक्षा व अनुशासन के लिए हमें बेहतर चरित्र का निर्माण करना होगा. स्वागत भाषण पवन बजाज ने किया. मौके पर रांची विवि के कुलपति रमेश कुमार पांडेय, कोल्हान विवि के कुलपति आरपीपी सिंह, गोलक बिहारी, शाहिद अख्तर, पूर्व आइपीएस कुमुद चौधरी, तापस मल्लिक, अमर चौधरी, सुभाष समेत कई लोग मौजूद थे.
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