23.1 C
Ranchi

BREAKING NEWS

Advertisement

एक्सएलआरआइ में मैगसेसे अवार्ड विजेता हरीश हांडे ने कहा झारखंड, बिहार और ओड़िशा में सोलर एनर्जी की काफी संभावनाएं

जमशेदपुर. झारखंड, बिहार और ओड़िशा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में सोलर एनर्जी की काफी संभावनाएं है, जिसका इस्तेमाल करने और उसके जेनरेशन के लिए सरकारें उतनी गंभीर नहीं दिखती, जितनी दिखनी चाहिए. यह बात मैगसेसे अवार्ड विजेता और सेल्को सोलर इंडिया के चेयरमैन सह संस्थापक डॉ हरीश हांडे ने कही. श्री हांडे शनिवार को एक्सएलआरआइ के […]

जमशेदपुर. झारखंड, बिहार और ओड़िशा जैसे पूर्वोत्तर राज्यों में सोलर एनर्जी की काफी संभावनाएं है, जिसका इस्तेमाल करने और उसके जेनरेशन के लिए सरकारें उतनी गंभीर नहीं दिखती, जितनी दिखनी चाहिए. यह बात मैगसेसे अवार्ड विजेता और सेल्को सोलर इंडिया के चेयरमैन सह संस्थापक डॉ हरीश हांडे ने कही. श्री हांडे शनिवार को एक्सएलआरआइ के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए शहर पहुंचे थे.
उन्होंने एक्सएलआरआइ में पत्रकारों से बातचीत करते हुए कहा कि हमने कालाहांडी जैसे जगहों पर सोलर पर काम किया है. सबसे ज्यादा जरूरी है कि आइटीआइ से जो इंजीनियर निकलते हैं, उन्हें सही गाइडेंस व सरकार की ओर से बैंकों के माध्यम से सहायता दिलाना है. सोलर के अलावा यहां बायो गैस और बायो मास पर काम करने की काफी संभावनाएं हैं. उन्होंने कहा कि ग्रामीण क्षेत्र के वैसे दक्ष लोग, जिनके पास डिग्री नहीं है और ना ही अंगरेजी का ज्ञान है, जिनके हुनर का इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. वैसे लोगों को पहचान कर उन्हें छोटे-छोटे लोन दिलाने की जरूरत है. यहां गारंटी देने के बाद अरबों रुपये सरकार का लेकर विजय माल्या भाग जाते हैं और बैंकों द्वारा कुछ नहीं किया जाता है. वहीं, बैंक ग्रामीणों को लोन देने के लिए गारंटी खोज रही है, जिसमें सुधार करने की जरूरत है. सबसे ज्यादा जरूरी है कि ग्रामीण बैंक को आगे लाया जाये.
डिग्री नहीं, दक्षता जरूरी
हरीश हांडे ने बताया कि उनकी टीम में लगभग चार सौ सदस्य हैं. वे किसी की डिग्री नहीं देखते हैं. उनकी दक्षता पर विश्वास करते हैं. हरीश ने कहा कि भारतीय मानसिकता है कि गरीब व सामान्य लोग दिमागी तौर पर भी कमजोर होते हैं, जो गलत है. इस टीम के साथ ही उन्होंने 4.50 लाख घरों को सोलर लाइट से रोशन किया है.
स्किल इंडिया अंबानी-अडाणी के लिए नहीं: उन्होंने कहा कि स्किल इंडिया जैसे कार्यक्रम का मकसद वेल्डर, फीटर तैयार कर अंबानी-अडाणी के लिए दक्ष मजदूर तैयार करना नहीं है. इस योजना से काश्तकार, बढ़ई, लोहार, किसान, जुलाहा को किस तरह दक्ष बनाया जा सकता है, इस पर काम होना चाहिए, जो नहीं हो रहा है.
250 स्कूलों में सोलर सिस्टम बोर्ड से पढ़ाई : श्री हांडे ने कहा कि कर्नाटक के 250 वैसे गांव, जहां बिजली नहीं है, वहां सोलर सिस्टम युक्त प्रोजेक्टर से पढ़ाई होती है. यह नया प्रयोग है और काफी सफल भी हो रहा है.
तीन साल पीएचडी में बेकार किया : उन्होंने बताया कि हमने यूएसए में तीन साल तक पीएचडी की. हमें लगता है कि हमने वह तीन साल बरबाद कर दिया. इससे बेहतर तो था कि भारत में रह कर यहीं काम करता होता. इसके लिए जरूरी है कि सरकार इस पर ध्यान दे, ताकि इंजीनियरों को बेहतर प्लेटफॉर्म मिल सके.

Prabhat Khabar App :

देश, एजुकेशन, मनोरंजन, बिजनेस अपडेट, धर्म, क्रिकेट, राशिफल की ताजा खबरें पढ़ें यहां. रोजाना की ब्रेकिंग हिंदी न्यूज और लाइव न्यूज कवरेज के लिए डाउनलोड करिए

Advertisement

अन्य खबरें

ऐप पर पढें