सीआे का पद दाे साल से खाली है. बीडीआे प्रभार में हैं. सीआइ भी कार्यालय नहीं आते हैं. दाेनाें (सीआे-सीआइ) के कार्यालय में ताला बंद था. प्रखंड कल्याण पदाधिकारी के कार्यालय में भी ताला बंद था.
प्रखंड कृषि पदाधिकारी, प्रखंड शिक्षा प्रसार पदाधिकारी भी दफ्तर में नहीं थे. सिर्फ एक कमरे में कुछ कर्मचारी थे. इसी परिसर में अफसराें के रहने के लिए आवास बना है, पर उसमें काेई रहता ही नहीं है. प्रखंड कार्यालय में अपने कार्य कराने के लिए भटक रहे ग्रामीण कहते हैं…. यह मॉडल प्रखंड कार्यालय है. पर यहां न काेई अफसर रहता है, न काम हाेता है. एक बार पंचायताें का भ्रमण कर लीजिये, जमीनी हकीकत क्या है, पता चल जायेगा.