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जब मंत्री की नहीं सुनते, तो हमारी क्या सुनेंगे
रांची: एनडीए विधायक दल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई. इस दौरान अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किये जाने का मामला उठाया गया. विधायकों ने कहा कि जब अधिकारी कृषि मंत्री के पत्र का जवाब नहीं दे रहे हैं, तो फिर हमारी बात कौन सुनेगा? इस मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उचित […]
रांची: एनडीए विधायक दल की बैठक गुरुवार को मुख्यमंत्री आवास में हुई. इस दौरान अधिकारियों द्वारा जनप्रतिनिधियों की उपेक्षा किये जाने का मामला उठाया गया. विधायकों ने कहा कि जब अधिकारी कृषि मंत्री के पत्र का जवाब नहीं दे रहे हैं, तो फिर हमारी बात कौन सुनेगा? इस मामले में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने उचित कार्रवाई का भरोसा दिलाया.
बैठक में विधानसभा की सदाचार समिति की अनुशंसा पर आरोपी चार विधायकों पर हुई कार्रवाई को सही ठहराया गया. कहा गया कि विधानसभा अध्यक्ष पर कुरसी चलाने की घटना पर इस तरह की कार्रवाई जरूरी है. बैठक के बाद पत्रकारों से बातचीत करते हुए संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय व सत्तारूढ़ दल के सचेतक राधाकृष्ण किशोर ने कहा कि इस मामले से सरकार का कोई लेना-देना नहीं है.
यह निर्णय सदाचार समिति का है. उन्होंने कहा कि विपक्ष सदन की गरिमा को बरकरार रखे. सदन को चलने दे. पिछला दो सत्र हंगामे की भेंट चढ़ गया. ऐसा इस सत्र में नहीं होना चाहिए. जनता की बातें समाने आनी चाहिए. सरकार नीति मामलों में विपक्ष का सार्थक सुझाव मानने को तैयार है. विपक्ष के नीतिगत सवालों पर सरकार जवाब देने को तैयार है. एनडीए विधायकों से बजट के दिन 23 जनवरी को सदन में मौजूद रहने काे कहा गया. बैठक में भाजपा विधायकों के अलावा, मंत्री चंद्र प्रकाश चौधरी, आजसू विधायक रामचंद्र सहिस, गीता कोड़ा, भानु प्रताप शाही आदि मौजूद थे.
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