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दुखद: अनिल मुरमू का पार्थिव शरीर विधानसभा परिसर लाया गया, दी गयी श्रद्धांजलि कार्यवाही स्थगित, पक्ष-विपक्ष ने शोक जताया

रांची : लिट्टीपाड़ा विधायक अनिल मुरमू के निधन को लेकर बुधवार को सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी़ बजट सत्र के दूसरे दिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन को आधिकारिक सूचना दी कि विधायक अनिल मुरमू का निधन मंगलवार की शाम को अचानक हो गया़ स्पीकर ने कहा कि […]

रांची : लिट्टीपाड़ा विधायक अनिल मुरमू के निधन को लेकर बुधवार को सदन की कार्यवाही स्थगित कर दी गयी़ बजट सत्र के दूसरे दिन जैसे ही कार्यवाही शुरू हुई, स्पीकर दिनेश उरांव ने सदन को आधिकारिक सूचना दी कि विधायक अनिल मुरमू का निधन मंगलवार की शाम को अचानक हो गया़ स्पीकर ने कहा कि अनिल मुरमू जुझारू जनप्रतिनिधि थे़ .

उनके निधन से अपूरणीय क्षति हुई है़ शोक संदेश में मुख्यमंत्री रघुवर दास ने सदन में कहा कि विधायक मुरमू अपने क्षेत्र और राज्य की समस्या को जोरदार ढंग से रखने वाले विधायक थे़.

उन्होंने कहा कि मैं मानता हूं कि उभरते हुए नवयुवक के नहीं रहने से राज्य को बड़ी क्षति हुई है़ इसकी भरपाई नहीं हो सकती है़ झामुमो विधायक दीपक बिरुआ ने कहा कि विधायक मुरमू असमय चले गये़ आजसू के समय से उनके साथ रह कर राजनीति करने का अवसर मिला था़ सदन के अंदर वह मुद्दों पर आक्रमक रहते थे़ उनका जाना झामुमो के लिए ही नहीं, पूरे राज्य के लिए क्षति है़ कांग्रेस विधायक दल के नेता अालमगीर आलम ने कहा कि आज सारे लोग मर्माहत है़ं पहली बार 2014 में चुनाव जीत कर आये थे़ मेरे सहयोगी के रूप में छह वर्ष तक कार्य किया़ विधानसभा में अपनी उपस्थिति दर्ज करायी़ वह जुझारू नेता थे़ झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा कि अनिल मुरमू के निधन से गहरा दुख हुआ़ उन्होंने झोपड़ी से निकल राजनीति में जगह बनायी़ उनका जीवन संघर्ष से भरा था़ अनिल मुरमू जमीनी नेता थे़ आजसू विधायक रामचंद्र सहिस ने कहा कि अनिल मुरमू का जीवन संघर्षमय रहा़ उनका जाना राज्य के लिए अपूरणीय क्षति है़ विधायक गीता कोड़ा ने कहा कि यह दुखद घटना है़ दो वर्ष से उनको जानने का मौका मिला़ वह अपनी बातों को बड़ी सहजता से मुस्कुरा कर रखते थे़ माले विधायक राजकुमार यादव ने कहा कि अनिल मुरमू आंदोलन के प्रतीक थे़ गरीब परिवार से आते थे, गरीबों का दर्द समझते थे़ वह झारखंड आंदोलन के पर्याय बन गये थे़ नेताओं के शोक संदेश के बाद सदन ने दो मिनट का मौन रख उनकी आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना की़.
झामुमो कार्यालय में शिबू ने दी श्रद्धांजलि : रांची. झामुमो विधायक अनिल मुरमू का पार्थिव शरीर बुधवार को बरियातू स्थित पार्टी कार्यालय में लाया गया़ इस दौरान पार्टी अध्यक्ष शिबू सोरेन ने उन्हें श्रद्धांजलि दी़ पार्टी कार्यालय में कार्यकारी अध्यक्ष हेमंत सोरेन, पार्टी नेता सुप्रियो भट्टाचार्य, विनाेद पांडेय, अशोक सिंह, महुआ माजी, अभिषेक कुमार मंटू सहित कई पार्टी पदाधिकारियों ने भी श्रद्धांजलि दी़.
संघर्षशील व जुझारू आंदोलनकारी थे अनिल : प्रभाकर : रांची. आजसू नेता प्रभाकर तिर्की ने कहा कि अनिल मुरमू संघर्षशील और जुझारू आंदोलनकारी थे़ आजसू के साथ जुड़ कर अलग राज्य के लिए उनके द्वारा किये गये संघर्ष को भुलाया नहीं जा सकता है़ संताल परगना में उन्होंने आंदोलन को स्वरूप देने का काम किया था़ कम समय में ही उन्होंने राजनीति में अच्छी पकड़ बनायी़ उनके जाने से हमने आंदोलन का साथी खो दिया है़.
झारखंड आंदोलन में अहम भूमिका निभायी : ललित : रांची. आजसू नेता ललित महतो ने कहा कि अनिल मुरमू ने झारखंड आंदोलन में कर्मठ सिपाही की भूमिका निभायी थी. आजसू में रह कर आंदोलन को आक्रामक तरीके से आगे बढ़ाया़ झारखंड अलग राज्य के गठन में भी अनिल मुरमू के योगदान को भुलाया नहीं जा सकता है़ उनके जाने से झारखंडी जनता की आवाज बंद हो गयी़ उनकी कमी हमेशा खलेगी़ हमारा अच्छा सहयोगी और मित्र चला गया़.

शोक में डूबा रहा सदन
विधायक अनिल मुरमू के निधन से बुधवार को सदन शोक में डूबा था. विधायक, राज्य सरकार के पदाधिकारी व विधानसभा कर्मी गमगीन थे़ स्पीकर दिनेश उरांव, मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन, संसदीय कार्य मंत्री सरयू राय सहित मंत्री और विधायकों का मन भारी था. एयरपोर्ट से विधायक अनिल मुरमू का पार्थिव शरीर जैसे ही विधानसभा परिसर लाया गया, सबकी आंखें नम हो गयी़ं मातमी धुन के साथ विधायक अनिल मुरमू को जवानों ने अंतिम सलामी दी़.
सबसे पहले स्पीकर दिनेश उरांव ने पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी़ इस मौके पर वे भाव-विह्वल हो गये़ इसके बाद मुख्यमंत्री रघुवर दास, प्रतिपक्ष के नेता व संसदीय कार्य मंत्री सहित पक्ष-विपक्ष के विधायकों ने श्रद्धांजलि दी़ इसके बाद मुख्य सचिव राजबाला वर्मा, डीजीपी डीके पांडेय सहित अन्य पदाधिकारियों ने श्रद्धांजलि दी. विधानसभापरिसर में दिवंगत विधायक का पार्थिव शरीर करीब आधा घंटा तक रखा गया. इसके बाद अंतिम यात्रा पार्टी कार्यालय के लिए रवाना हुई.
पार्थिव शरीर लाने एयरपोर्ट गये थे हेमंत : हेलीकॉप्टर से दुमका से विधायक अनिल मुरमू का पार्थिव शरीर रांची लाया गया.फूलों से सजे ट्रक पर अनिल मुरमू का शव रखा गया था. प्रतिपक्ष के नेता हेमंत सोरेन और कई विधायक पार्थिव शरीर को लाने एयरपोर्ट गये थे़ श्री सोरेन पार्थिव शरीर के साथ विधानसभा पहुंचे़ ज्ञात हो कि मंगलवार को लिट्टीपाड़ा के विधायक अनिल मुरमू का निधन हो गया था.

गरीबी को मात देकर राजनीति में जगह बनायी थी अनिल मुरमू ने मेले में मिठाई खाने के लिए मांगनी पड़ी थी भीख
झामुमो विधायक अनिल मुरमू नहीं रहे़ वे जीवट थे़ बचपन गरीबी में जीया़ गरीबी भी ऐसी कि घर में खाने के लिए दाने-दाने के लिए परिवार मोहताज था़ गरीबी को मात देकर पढ़ाई की़ एमए किया, एलएलबी की पढ़ाई की, उसके बाद संताली भाषा में डॉक्टरेट की उपाधि ली़ घर में पढ़ने के लिए संसाधन देनेवाला कोई नहीं था, लेकिन जिंदगी की बेबसी के सामने कभी हार नहीं मानी़ खूब पढ़े और राजनीतिक जीवन में भी तमाम मुश्किलों के बावजूद लड़ते रहे़ विधायक अपने जीवन के प्रसंग बहुत कुरदने पर बताते थे़ साक्षात्कार और मीडिया से बातचीत में अपनी गरीबी बयां करते थे़ उनका पूरा परिवार पुआल के घर में रहता था़ बाद में खपरा का मकान बनाया़ पिता सेना में चौकीदार थे़ दो-तीन वर्ष बाद घर आते़ दो भाई और बहन अपनी मां के साथ गरीबी में जीवन काटते थे़ अनिल मुरमू ने एक साक्षात्कार में बताया था कि गांव के पास मेला लगा था़ घर की माली हालत ऐसी थी कि मेला घूमने के लिए पैसे नहीं मिल सकते थे़ लड़कपन की उम्र थी़ मेले में मिठाई खाने का मन किया़ गांव के लोग खरीदारी कर रहे थे़ फिर क्या था, अपने दोस्त, बहन के साथ मेले में पहले भीख मांगी़ भीख के पैसे इकट्ठा कर मिठाई खरीदी़ अनिल बड़े गर्व से बताते थे कि जिस मेले में मिठाई खाने के लिए भीख मांगना पड़ा, उसी मेला आयोजन समिति के बाद में वे अध्यक्ष बने़ .
आजसू के साथ झारखंड आंदोलन में कूदे : अनिल मुरमू आजसू के साथ छात्र जीवन में ही अलग राज्य के आंदोलन में कूद गये़ वह आजसू के महासचिव भी रह चुके थे़ आजसू नेता सूर्य सिंह बेसरा उन्हें संगठन में लेकर आये थे़ निर्मल महतो, प्रभाकर तिर्की, ललित महतो, संजय बसु मल्लिक, डॉ देवशरण भगत सहित कई नेताओं के साथ आंदोलन किया़ ललित महतो जब आजसू के अध्यक्ष थे, तो वह महासचिव थे़ अनिल मुरमू जब जेल में बंद थे, उसी दौरान उनकी शादी ठीक हो गयी़ बेल लेकर शादी करने बाहर निकले थे.
दोस्त की दुकान से पांच रुपये चुरा कर भरी फीस : बातचीत के प्रसंग में अनिल अपनी गरीबी के दर्द भरे किस्से सुनाते थे़ एक साक्षात्कार में उन्होंने बताया था कि वह दुमका के जिला स्कूल में पढ़ते थे़ गांव से दुमका जाने के लिए उनके पास पैसे नहीं थे. तब वे अपने एक दोस्त के पास पहुंचे. वह पान की दुकान चलाता था़ वह उसकी दुकान पर पहुंचे़ किसी काम से दोस्त को कुछ देर के लिए कहीं जाना था़ अनिल ने उसके गल्ले से पांच रुपये निकाल लिये़ फिर उसी पैसे से दुमका पहुंचे़ वहां स्कूल फीस से लेकर दूसरे जरूरी काम निपटाये़
आज पेश होगा अनुपूरक बजट
रांची. सरकार चालू वित्तीय वर्ष के लिए तृतीय अनुपूरक बजट 19 जनवरी को पेश करेगी. तृतीय अनुपूरक बजट 2500 करोड़ रुपये का होने का अनुमान है. सरकार ने तृतीय अनुपूरक के माध्यम से जेसीएफ से लिये गये अग्रिम की भरपाई के लिए राशि का प्रावधान किया है. राजस्व और पूंजीगत व्यय के लिए भी राशि का प्रावधान किया गया है. इसके अलावा कुछ विभागों के लिए पहले से निर्धारित राशि दूसरे विभागों को देने का प्रावधान किया गया है. साथ ही किसी मद में खर्च न हो सकनेवाली राशि को दूसरे मद में खर्च करने का प्रावधान किया गया है. सरकार ने अपनी जरूरतों के हिसाब से चालू वित्तीय वर्ष के लिए प्रथम अनुपूरक के माध्यम से 4382.49 करोड़ और दूसरे अनुपूरक के माध्यम से 3010.86 करोड़ रुपये के खर्च का प्रावधान किया.

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