जबकि शेष तीन पर वीसा नियमों के उल्लंघन करने का आरोप है. इन आरोपी विदेशी नागरिकों में से बांग्ला देश के खुलना निवासी जसीम सौदागर उर्फ मानिक को लोहरदगा की सक्षम अदालत ने डेढ़ साल के सश्रम कारावास की सजा सुनायी थी. वीसा के नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में अदालत ने 17 नवंबर 2016 को उसे डेढ़ वर्ष के सश्रम कारावास की सजा सुनाई थी. चूंकि वह पहले से ही लोहरदगा जेल में बंद था इसलिए डेढ़ साल के सश्रम कारावास की सजा की अवधि 17 दिसंबर 2016 को पूरी हो गयी. सजा की अवधि पूरी होने के बाद जेल प्रशासन ने उसे जेल से बाहर निकाल कर पुलिस की निगरानी में रखा है. वह बांग्ला देश के खुलना जिले के इनायतपुर गांव का रहनेवाला है. सौदागर की सजा पूरी होने की सूचना बांग्ला देश के दूतावास को दे दी गयी है, ताकि उसे वापस भेजा जा सके. हालांकि अब तक दूतावास की ओर से किसी तरह का जवाब नहीं मिला है.
वीजा नियमों का उल्लंघन करने के आरोप में बांग्ला देशी नागरिक अब्दुल कासिम और मोतिहर सरदार रांची के बिरसा मुंडा जेल में बंद हैं. दोनों ही बांग्ला देश के के खुलना जिले के पिरपाली गांव के रहनेवाले हैं. इन दोनों का मामला अदालत में विचाराधीन है. जालसाजी कर बैंकों से पैसा निकालने के तीन आरोपियों में से दो बिरसा मुंडा केंद्रीय कारा में और एक जमशेदपुर के घाघीडीह जेल में बंद है.
रांची जेल में बंद एमानुएल ओकेया ने वकील (झारखंड हाइकोर्ट) नियती साहा के खाते से 85 हजार रुपये निकाला था. जालसाजी के इस मामले में सीबीआइ (रांची) आर्थिक अपराध शाखा ने प्राथमिकी (आरसी 7एस/14) दर्ज की थी. सीबीआइ ने इस जालसाज को गिरफ्तार कर जेल भेजा और उसके खिलाफ आरोप पत्र दायर किया. फिलहाल यह विदेशी नागरिक जालसाजी के इस मामले में न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहा है. नाइजीरिया के ग्रेथ और गुरपाल उर्फ जानसान फिलहाल जालसाजी के मामले में न्यायिक प्रक्रिया का सामना कर रहे हैं.