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केंद्र से मंजूरी नहीं, लौह अयस्क खदानों का प्रस्ताव कैबिनेट में नहीं आ सका

रांची : आर्सेलर मित्तल समेत पांच बड़ी कंपनियों के लौह अयस्क खदानों का आवंटन रद्द होने की आशंका है. 11 जनवरी तक खदानों का लीज नहीं होने पर खदान का आवंटन स्वत: रद्द हो जायेगा. मंगलवार को राज्य सरकार की कैबिनेट में लीज का प्रस्ताव रखा जाना था. खान विभाग द्वारा सारी तैयारी कर ली […]

रांची : आर्सेलर मित्तल समेत पांच बड़ी कंपनियों के लौह अयस्क खदानों का आवंटन रद्द होने की आशंका है. 11 जनवरी तक खदानों का लीज नहीं होने पर खदान का आवंटन स्वत: रद्द हो जायेगा. मंगलवार को राज्य सरकार की कैबिनेट में लीज का प्रस्ताव रखा जाना था. खान विभाग द्वारा सारी तैयारी कर ली गयी थी. केवल दिल्ली के वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से सेक्शन टू के तहत लीज की अनुमति का इंतजार था. शाम चार बजे तक इंतजार किया गया पर मंत्रालय से फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं मिला. जिसके चलते अब खदानों का आवंटन रद्द होने की आशंका बढ़ गयी है.
गौरतलब है कि आर्सेलर मित्तल, भूषण पावर एंड स्टील, जेएसपीएल, इलेक्ट्रो स्टील व रुंगटा माइंस (दो खदान) के लौह अयस्क खदान का लीज यदि 11 जनवरी तक नहीं मिला, तो खदान का आवंटन स्वत: रद्द हो जायेगा. वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से सेक्शन टू के तहत अनुमति मांगी गयी है कि जब तक फॉरेस्ट क्लीयरेंस नहीं हो जाता, तब तक खदानों का लीज होने दिया जाये. फॉरेस्ट क्लीयरेंस मिलने के बाद ही खदानों से खुदाई हो सकेगी. इसी शर्त्त पर राज्य सरकार भी लीज करने की तैयारी कर चुकी है. पर मामला अब तक केंद्र सरकार के पास अटका हुआ है.
आज भी होगा इंतजार
खान विभाग के सूत्रों ने बताया कि विभाग की सारी तैयारी हो चुकी है. 11 जनवरी को भी यदि वन एवं पर्यावरण मंत्रालय से स्वीकृति मिल जायेगी, तो एक्सप्रेस अॉर्डर जारी किया जा सकता है अथवा आकस्मिक कैबिनेट की बैठक बुलायी जा सकती है. प. सिंहभूम के उपायुक्तों को भी तैयार रहने का निर्देश दिया गया है. 11 जनवरी को स्वीकृति मिलते ही उसी दिन लीज एग्रीमेंट पर साइन भी हो सकता है.
कोर्ट में चुनौती दी
इधर, 11 जनवरी तक के डेडलाइन को देखते हुए आर्सेलर मित्तल ने दिल्ली हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. नौ जनवरी को दिल्ली हाइकोर्ट ने केंद्र से आर्सेलर मित्तल को झारखंड में खनन पट्टे के आवेदन पर तेजी से फैसला करने को कहा है. न्यायमूर्ति संजीव सचदेव ने सरकार से इस पर 11 जनवरी 2017 से पहले निर्णय करने को कहा है. यह राज्य सरकार के साथ खनन पट्टा के क्रियान्वयन की आखिरी तारीख है. इस मामले की अगली सुनवाई 12 जनवरी को होगी. अदालत ने कंपनी की याचिका पर केंद्र को नोटिस भी जारी किया है. कंपनी ने दावा किया है कि वह खान एवं खनिज (विकास एवं नियमन) (एमएमडीआर) कानून के तहत सभी अनिवार्यताओं को पूरा करती है. इधर, जेएसपीएल और भूषण पावर एंड स्टील कंपनी ने भी झारखंड हाइकोर्ट में याचिका दायर की है. जिसपर अभी सुनवाई नहीं हो सकी है.

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