सुनंदो टैगोर मूल रूप से कोलकाता के रहनेवाले हैं. उन पर जाली खतियान के आधार पर जमीन का मालिकाना हक प्रस्तुत करने का आरोप जांच में सही पाया गया है. सुनंदो टैगोर की गिरफ्तारी का आदेश सदर डीएसपी विकास चंद्र श्रीवास्तव ने केस के अनुसंधानक सदर थाना में पदस्थापित दारोगा राधा कृष्ण सिंह को दिया है. सदर डीएसपी की जांच रिपोर्ट के अनुसार वीरेन नामक एक व्यक्ति खुद को रांची का रहने वाला और पेशे से वकील बताकर सुनंदो टैगोर से कोलकाता जाकर मिला था.
सुनंदो से वीरेन की मुलाकात कोलकाता निवासी सुदर्शन मुखर्जी के जरिये हुई थी. इसके बाद दोनों के बीच जमीन बेचने को लेकर बातचीत हुई थी. सुनंदो ने खुद को रवींद्र नाथ टैगोर का पोता बताते हुए अपना परिचय दिया था, लेकिन वह रवींद्र नाथ टैगोर के वंशज नहीं हैं. उनके द्वारा जमीन को लेकर दिया गया खतियान भी जाली है. उल्लेखनीय है कि पूर्व में सदर थाना में जाली कागजात के आधार पर जमीन हड़पने का लेकर केस दर्ज हुआ था. मामले की जांच पुलिस कर रही थी.