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सर्टिफिकेट की उम्र नहीं मानी जांच के बाद भेजा बाल सुधार गृह

रांची: खंटू थाना की पुलिस ने नाबालिग को जेल भेजने के मामले में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तिथि को नहीं माना था. मीडिया में खबर आने के चार दिन बाद खूंटी थाना की पुलिस ने नाबालिग की उम्र की मेडिकल जांच खूंटी सदर अस्पताल में करायी. मेडिकल रिपोर्ट में भी नबालिग […]

रांची: खंटू थाना की पुलिस ने नाबालिग को जेल भेजने के मामले में झारखंड एकेडमिक काउंसिल के सर्टिफिकेट में दर्ज जन्म तिथि को नहीं माना था. मीडिया में खबर आने के चार दिन बाद खूंटी थाना की पुलिस ने नाबालिग की उम्र की मेडिकल जांच खूंटी सदर अस्पताल में करायी. मेडिकल रिपोर्ट में भी नबालिग की उम्र 17 साल बतायी गयी, जिसके बाद शुक्रवार को खूंटी पुलिस ने नाबालिग को बाल सुधार गृह, रांची भेजा. इस तरह मारपीट जैसे छोटे मामले में पुलिस की गलती के कारण नाबालिग को आठ दिनों तक जेल में रहना पड़ा. इस मामले की जांच की जिम्मेदारी भी उन्हीं पुलिस अफसरों को दी गयी है, जिनके ऊपर नाबालिग होने की जानकारी होने के बाद भी बाल सुधार गृह के बजाय जेल भेजने का आरोप है.
क्या था मामला : नाबालिग पिठोरिया का रहनेवाला है. वह खूंटी स्थित अपने मामा इमरोज खान के घर गया था. वह अपने मामा के साथ खेत में पानी पटा रहा था. वहीं पर परवेज खान नामक व्यक्ति के साथ मारपीट हो गयी. दोनों पक्ष ने थाना में लिखित शिकायत की थी. पुलिस ने इमरोज खान के साथ नाबालिग को भी गिरफ्तार कर जेल भेज दिया. कई सामाजिक कार्यकर्ताओं ने इसकी शिकायत डीजीपी के अलावा बाल संरक्षण आयोग से की थी.
इंटर का फॉर्म भरना है नबालिग को : नाबालिग के परिजनों ने बताया कि उसे इंटर का फॉर्म भरना है. फॉर्म भरने का अंतिम दिन नौ जनवरी है. पुलिस ने अगर शुरू में ही उसे बाल सुधार गृह भेजा होता, तो अब तक उसे जमानत मिल जाती.

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