संघ ने मामले को लेकर हाइकोर्ट में याचिका दायर करने का निर्णय लिया है. उन्होंने वर्ष 2005 में नियुक्त पेंशन से वंचित सभी शिक्षकों से बैठक में भाग लेने की अपील की है. शिक्षकों से मूल सेवा पुस्तिका, नियुक्ति पत्र व परीक्षाफल प्रकाशन की छाया प्रति लाने को कहा गया है.
उल्लेखनीय है कि झारखंड लोक सेवा आयोग के माध्यम से वर्ष 2003 में शिक्षकों की नियुक्ति के लिए विज्ञप्ति जारी की गयी थी. 2003 की विज्ञप्ति के आधार पर नियुक्त कुछ शिक्षकों को सरकार पेंशन का लाभ दे रही है, तो दूसरी ओर उसी प्रक्रिया के तहत वर्ष 2005 में नियुक्त शिक्षकों को पेंशन से वंचित किया जा रहा है.