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आधार नंबर के साथ प्रमाण पत्र अॉनलाइन देना जरूरी

रांची: कल्याण विभाग ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में गड़बड़ी रोकने के लिए इसके आवेदन प्रक्रिया में बदलाव किया है. अब किसी विद्यार्थी को छात्रवृत्ति के लिए अपने आधार नंबर के साथ प्रमाण पत्र (जाति, आय व अन्य) भी अॉनलाइन ही देना है. किसी भी सूरत में अॉफ लाइन प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे. अभी भी […]

रांची: कल्याण विभाग ने पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति में गड़बड़ी रोकने के लिए इसके आवेदन प्रक्रिया में बदलाव किया है. अब किसी विद्यार्थी को छात्रवृत्ति के लिए अपने आधार नंबर के साथ प्रमाण पत्र (जाति, आय व अन्य) भी अॉनलाइन ही देना है. किसी भी सूरत में अॉफ लाइन प्रमाण पत्र मान्य नहीं होंगे. अभी भी कई विद्यार्थियों ने अॉफलाइन प्रमाण पत्र जमा किया है. यानी इसकी हार्ड कॉपी जिला कल्याण पदाधिकारी को भेजी गयी है.
ऐसे विद्यार्थियों का आवेदन जिला स्तर पेंडिंग हो जायेगा, पर इसका समाधान संभव है. पेडिंग होते ही संबंधित विद्यार्थी को इसका मैसेज मिल जायेगा. इसके बाद प्रमाण पत्रों को अॉनलाइन जमा किया जा सकता है. गौरतलब है कि आवेदन देने की अंतिम तिथि पांच जनवरी है. इससे पहले वित्तीय वर्ष 2015-16 के दौरान अकेले रांची जिले में पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति से संबंधित पांच हजार आवेदनों से संबंधित प्रमाण पत्र फरजी पाये गये थे. इसी के बाद विभाग ने चालू वित्तीय वर्ष से आधार नंबर तथा अॉनलाइन प्रक्रिया जरूरी कर दिया है.
3.70 लाख आवेदन
पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के लिए राज्य भर से तीन लाख 70 हजार 616 आवेदन आये हैं. इनमें से 3.32 लाख आवेदनों को संबंधित शिक्षण संस्थानों ने सत्यापित तथा 1.55 लाख आवेदनों को अनुमोदित कर दिया है. उधर, राज्य के बाहर के कुल 2095 शिक्षण संस्थानों में पढ़नेवाले करीब 30 हजार विद्यार्थियों ने भी छात्रवृत्ति के लिए आवेदन दिया है. इनमें से 13 हजार आवेदन अनुमोदित हो गये हैं.
अधिकतम 50 हजार
गौरतलब है कि वर्ष 2016-17 से पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति की अधिकतम सीमा 50 हजार रुपये कर दी गयी है. यानी किसी भी विद्यार्थी को, चाहे वह सरकारी या निजी संस्थान में पढ़ता हो, इससे अधिक आर्थिक सहायता नहीं मिलेगी. छात्रवृत्ति के लिए बढ़ते आवेदनों की संख्या तथा इस अनुपात में फंड की कमी के कारण यह निर्णय लिया गया है. सूत्रों के अनुसार छात्रवृत्ति की अधिकतम रकम 50 हजार तथा न्यूनतम छह हजार रही है.
पहले का भुगतान नहीं
सरकार ने निर्णय लिया है कि वित्तीय वर्ष 2014-15 से पहले की बकाया छात्रवृत्ति का भुगतान नहीं किया जायेगा. वहीं वित्तीय वर्ष 2014-15 तथा 2015-16 की करीब 250 करोड़ रुपये की बकाया छात्रवृत्ति (एरियर) का भुगतान कर दिया गया है. वहीं अभी इन दोनों वर्षों का अौर 5.5 करोड़ रुपये दिया जाना है.

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