उन्होंने कहा कि पलामू, हजारीबाग, दुमका में मेडिकल कॉलेज के 588 करोड़ का काम सायरस मिस्त्री की कंपनी शापोरजी पालोनजी को दिया गया है. इसके लिए तीन बड़ी कंपनियों ने टेंडर किया था. एक कंपनी को जो कारण बता कर टेंडर से बाहर किया गया, वह अर्हता सायरस मिस्त्री की कंपनी भी पूरी नहीं कर रही थी. सरकार ने जो मापदंड तय किये थे, उसमें शापोरजी पालोनजी को छूट दी गयी.
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राज्य में मैनेज किये जा रहे हैं टेंडर जांच करायी जाये : प्रदीप यादव
रांची: झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि वर्तमान सरकार ईमानदारी के मुखौटा पहन रखा है. जबकि, भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले हैं, जिनकी जांच की जाये, तो सरकार का असली चेहरा सामने आ जायेगा. श्री यादव बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों के साथ बात कर रहे थे. श्री यादव […]
रांची: झाविमो विधायक दल के नेता प्रदीप यादव ने कहा है कि वर्तमान सरकार ईमानदारी के मुखौटा पहन रखा है. जबकि, भ्रष्टाचार के ऐसे कई मामले हैं, जिनकी जांच की जाये, तो सरकार का असली चेहरा सामने आ जायेगा. श्री यादव बुधवार को पार्टी कार्यालय में पत्रकारों के साथ बात कर रहे थे.
श्री यादव ने आरोप लगाया कि सबसे ज्यादा गड़बड़ी मुख्यमंत्री के विभाग में ही है. मुख्यमंत्री के पास जो विभाग है, उसमें टेंडर मैनेज किया जा रहा है. सरकार ने इसके लिए नया तरीका निकाला है. शिक्षा, स्वास्थ्य, पुलिस सहित दूसरे विभागों के भवन बनाने के लिए राज्य भवन निर्माण लिमिटेड बनाया है, जबकि इसकी कोई आवश्यकता नहीं थी.
उन्होंने कहा कि पलामू, हजारीबाग, दुमका में मेडिकल कॉलेज के 588 करोड़ का काम सायरस मिस्त्री की कंपनी शापोरजी पालोनजी को दिया गया है. इसके लिए तीन बड़ी कंपनियों ने टेंडर किया था. एक कंपनी को जो कारण बता कर टेंडर से बाहर किया गया, वह अर्हता सायरस मिस्त्री की कंपनी भी पूरी नहीं कर रही थी. सरकार ने जो मापदंड तय किये थे, उसमें शापोरजी पालोनजी को छूट दी गयी.
नये एनजीओ का चयन
श्री यादव ने कहा कि परंपरागत कृषि विकास योजना के तहत जैविक कृषि के विकास के लिए 22 करोड़ की निविदा निकाली गयी. निविदा की शर्तों के अनुसार एनजीओ का निबंधन पांच वर्ष पुराना होने की बात कही गयी थी. लेकिन, ऐसे एनजीओ को काम दिया गया, जिसका निबंधन 2016 में हुआ.
बिना काम किये ही निकाल लिए 19 करोड़ रुपये
श्री यादव ने आरोप लगाया कि भवन निर्माण विभाग के प्रमंडल दो में इंजीनियर-ठेकेदार की सांठगांठ से बिना काम किये 19 करोड़ रुपये निकाल लिये गये. विधानसभा में भी यह प्रश्न लाया था. सरकार भी मान रही है कि गड़बड़ी हुई है, जांच करायी जा रही है. श्री यादव ने कहा कि विकास के नाम पर लूट मची है. सरकार ईमानदारी की दुहाई दे रही है. इन तीनों मामले की जांच तीन ईमानदार सचिवों की कमेटी से करा ली जाये, तो सब कुछ साफ हो जायेगा. मुख्यमंत्री भ्रष्टाचार मुक्त शासन की बात करते हैं, तो ऐसे मामले में कार्रवाई करें.
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