सभी प्रमाण-पत्रों का मिलान टीआर से किया गया. अब पूरी रिपोर्ट उपायुक्त को सौंपी जायेगी. मामले में उनका जो भी मार्गदर्शन मिलेगा, आगे की कार्रवाई होगी. सनद हो इससे पहले जैक के नाम से कभी डीएसइ तो कभी डीइओ कार्यालय को प्रमाण-पत्रों से संबंधित पत्र मिल रहा था. किसी पत्र में जिस प्रमाणपत्र को कभी सही बताया जा रहा था, तो कभी गलत. एक ही शिक्षक के सही एवं गलत होने के पत्र मिलने के कारण पुष्टि नहीं हो पा रही थी. मामले में असमंजस की स्थिति थी. फिर डीएसइ ने खुद जैक कार्यालय जाकर प्रमाण-पत्रों के सत्यापन का निर्णय लिया. इतनी बड़ी संख्या में शिक्षकों के शिक्षक पात्रता परीक्षा के प्रमाणपत्र फरजी मिलने पर अब पूरी नियुक्ति प्रक्रिया पर सवाल खड़े होने लगे हैं. सवाल उन पदाधिकारियों, शिक्षकों व कर्मियों पर भी उठ रहे हैं, जो शिक्षक नियुक्ति प्रक्रिया में किसी भी तरह शामिल थे. काउंसलिंग के वक्त प्रमाणपत्र फरजी पाये जाने के बावजूद संबंधित अभ्यर्थियों को बिना कोई कार्रवाई के छोड़ देना भी कई सवाल खड़े कर रहा है.
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135 नवनियुक्त शिक्षकों का टेट प्रमाण पत्र फरजी
रांची/ धनबाद:धनबाद जिले के प्राथमिक स्कूलों के लिए नवनियुक्त 135 शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्र फरजी हैं. मंगलवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल, रांची के कार्यालय में डीएसइ विनीत कुमार ने खुद एक-एक कर सभी प्रमाण-पत्रों की जांच की और पाया कि सभी फरजी हैं. डीएसइ श्री कुमार ने बताया कि किसी शिक्षक का प्रमाणपत्र सही नहीं निकला. […]
रांची/ धनबाद:धनबाद जिले के प्राथमिक स्कूलों के लिए नवनियुक्त 135 शिक्षक-शिक्षिकाओं के प्रमाणपत्र फरजी हैं. मंगलवार को झारखंड एकेडमिक काउंसिल, रांची के कार्यालय में डीएसइ विनीत कुमार ने खुद एक-एक कर सभी प्रमाण-पत्रों की जांच की और पाया कि सभी फरजी हैं. डीएसइ श्री कुमार ने बताया कि किसी शिक्षक का प्रमाणपत्र सही नहीं निकला.
938 अभ्यर्थियों का शिक्षक के पद पर चयन
प्राथमिक स्कूलों के लिए कुल 1348 शिक्षक पदों पर नियुक्ति प्रक्रिया शुरू हुई थी. इनमें पहली-पांचवीं कक्षा के लिए 906, छठी-आठवीं कक्षा के लिए 290 व उर्दू शिक्षकों के 152 शामिल थे. इसके लिए करीब 34 हजार अभ्यर्थियों के आवेदन मिले थे. पहली-पांचवीं कक्षा में 452 पारा व 454 गैर पारा पद थे. अंतत: कुल 938 अभ्यर्थियों का शिक्षक पदों पर चयन किया गया. इनमें पहली-पांचवीं कक्षा के 665, छठी-आठवीं कक्षा के लिए 253 व उर्दू शिक्षकों के 20 अभ्यर्थी शामिल थे. तत्कालीन उपायुक्त के निर्देश पर बने जांच दल को नियुक्ति प्रक्रिया की जांच का जिम्मा था. हालांकि इस दल ने आज तक अपनी जांच पूरी नहीं की है.
संदिग्ध नवनियुक्त शिक्षकों का नहीं हुआ वेतन भुगतान
संदिग्ध करीब 135 नवनियुक्त शिक्षक-शिक्षिकाओं को अभी तक वेतन भुगतान नहीं किया गया है. प्रमाणपत्र के संदेहास्पद प्रतीत होने को लेकर इन सभी के वेतन भुगतान की प्रक्रिया रोक दी गयी थी. ऐसे शिक्षक-शिक्षिकाएं वेतन भुगतान की मांग भी कभी नहीं किया था. पारा शिक्षक संघ ने भी शक जताया था.
नवनियुक्त 18 शिक्षकों पर दर्ज हो चुकी है प्राथमिकी
फरजी प्रमाण-पत्र के आरोप में नवनियुक्त 18 शिक्षकों पर धनबाद थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी गयी थी. उक्त शिक्षकों पर जालसाजी कर नियुक्ति प्राप्त करने, अपने शैक्षणिक व प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्रों का अनैतिक इस्तेमाल करने, विभाग को धोखा देकर नियुक्ति के विरुद्ध रिक्ति को बाधित करने का आरोप है.
किस पर क्या था आरोप
जे-टेट के प्रमाणपत्र फरजी : जैनुल अंसारी, अब्दुल क्यूम, सुरेश चौधरी, मो जलालुद्दीन, वसीम अंसारी, आभा कुमारी, मैट्रिक-इंटर प्रमाणपत्र फरजी : अश्विनी कुमार, महेश कुमार, दिव्या भारती, नागेश्वर प्रसाद यादव, इंटर प्रमाणपत्र फरजी : दीपक कुमार, मैट्रिक प्रमाणपत्र फरजी : राजेंद्र कुमार, अजीत कुमार सिंह, नरेश कुमार, इंटर में फरजी प्रमाणपत्र : पंकज कुमार, आशा कुमारी व टुनू कुमार, टेट में फरजी प्रमाणपत्र बना बढ़ाया अंक : उमेश कुमार
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