रांची : बड़कागांव गोलीकांड की पुलिसिया जांच में कुछ ऐसे तथ्य आये हैं, जो चौंकानेवाले हैं. धरना पर बैठी विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार करने के लिए 30 सितंबर की रात बड़कागांव थाना में जिला प्रशासन के शीर्ष अधिकारियों की बैठक हुई थी. इस दौरान तय किया गया था कि एक अक्तूबर को विधायक को गिरफ्तार किया जायेगा. सुपरविजन रिपोर्ट के मुताबिक विधायक को गिरफ्तार करने के लिए अलग-अलग पदाधिकारियों को अलग-अलग काम सौंपा गया था. योजना के तहत एक अक्तूबर की सुबह 4.30 बजे बड़कागांव थाना से पुलिस बल अलग-अलग टुकड़ियों में बंट कर निकली थी. पुलिस सुबह के छह बजे धरनास्थल नगड़ी चिरुडीह पहुंची. वहां पर विधायक निर्मला देवी अपने 100-150 समर्थकों के साथ धरना पर बैठी थी. पुलिस टीम ने वहां पहुंच कर विधायक को गिरफ्तार किया.
सुपरविजन रिपोर्ट के मुताबिक पुलिस की टीम को बड़कागांव थाना से धरना स्थल तक पहुंचने में डेढ़ घंटा लगे. बड़कागांव थाना से धरनास्थल नगड़ी चिरुडीह की दूरी करीब छह-सात किमी है. सड़क भी अच्छी है. मतलब आम लोगों को वाहन से जहां पहुंचने में 10-15 मिनट लगते हैं, उतनी दूरी तय करने में पुलिस को डेढ़ घंटे का वक्त लगा. उल्लेखनीय है कि घटना के दिन पुलिस पर यह आरोप लगा था कि पुलिस की टीम ने रात के अंधेरे में विधायक निर्मला देवी को गिरफ्तार किया और सुबह उन्हें लेकर बड़कागांव आ रही थी. तभी रास्ते में ग्रामीणों ने रोका और विधायक को छोड़ने के लिए कहा. इसे लेकर पुलिस व ग्रामीणों के बीच झड़प हुई. उपद्रवियों ने पुलिस पर हमला कर दिया. जिसके बाद पुलिस की तरफ से फायरिंग की गयी, जिसमें चार ग्रामीणों की मौत हो गयी और कई घायल हुए. ग्रामीणों के हमले में एएसपी अभियान कुलदीप कुमार समेत कई पुलिसकर्मी जख्मी हुए थे.